Religion/Alive News : हिंदू धर्म में हर त्यौहर को बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है हिन्दू धर्म में हर त्यौहार की अलग मान्यता है। हर वर्ष अलग तिथि अलग-अलग देवता को समर्पित किया जाता है। कुछ खास महीने में पड़ने वाली तिथियों में पड़ने वाले व्रत-त्योहार धूमधाम से मनाए जाते हैं। सावन के महीने में तीज व्रत भी ऐसा ही व्रत है, इस दिन सुहगन महिलाये अपने पति की लंबी आयु के लिए व्रत रखती है। साल में तीज व्रत 2 बार रखा जाता है। पहला व्रत सावन के महीने शुक्ल पक्ष की तीज को हरियाली तीज मनाई जाती है। वहीं भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की तीज को हरतालिका तीज का त्योहार मनाया जाता है। हरियाली तीज और हरतालिका तीज दोनों ही व्रत माता पार्वती से जुड़े हुए हैं। साथ ही दोनों तीज तिथि के दिन मनाए जाते हैं और इनके नाम भी मिलते-जुलते हैं, इससे लोगों में भ्रम की स्थिति पैदा हो जाती है। साथ ही जो लोग भ्रम में ना पड़ें, वे भी इन दोनों व्रत में अंतर नहीं कर पाते हैं।
कब है हरयाली तेज
हिंदी पंचांग के अनुसार हरियाली तीज व्रत इस साल 19 अगस्त को है। वहीं हरतालिका तीज का व्रत 18 सितंबर को रखा जाएगा।
हरियाली तीज और हरितालिका तीज में अंतर
पौराणिक कथाओं के अनुसार नाग पंचमी के 2 दिन पहले यानी कि सावन मास की शुक्ल पक्ष तृतीया को हरियाली तीज मनाई जाती है। यह पर्व भगवान शिव और माता पार्वती के मिलन के उपलक्ष में मनाया जाता है। इस दिन माता पार्वती की पूजा की जाती है। पौराणिक कथा है कि इस दिन देवी पार्वती ने भगवान शिव की तपस्या में 107 जन्म बिताने के बाद उन्हें अपने पति के रूप में स्वीकार किया था। वहीं हरितालिका तीज व्रत को लेकर मान्यता है कि देवी पार्वती ने भगवान शिव को अपने पति के रूप में पाने के लिए हरितालिका तीज व्रत किया था. इसलिए हरितालिका तीज व्रत कुंवारी लड़कियां भी करती हैं, ताकि वे मनचाहा वर पा सकें. हालांकि इन दोनों व्रतों में सोलह श्रृंगार करने का विशेष महत्व है।
हरियाली तीज सावन महीने के शुक्ल पक्ष की तीज को आती है। इस दिन शादी शुदा महिलाएं अपने पति की दीर्घ आयु के लिए व्रत रखती है। वहीं हरतालिका तीज व्रत भाद्रपद महीने के शुक्ल पक्ष की तीज को रखा जाता है। हरतालिका तीज व्रत रखना बेहद कठिन होता है। इस दिन महिलाओ के साथ लड़किया भी व्रत रख सकती है। इस दिन महिलाएं निर्जला व्रत रखती हैं।