November 23, 2024

सावन की पहली विनायक चतुर्थी पर रहेगा भद्रा का साया, जान लें पूजा का मुहूर्त

Delhi/Alive News : सनातन धर्म में गणेश चतुर्थी बड़ी धूमधाम से मनाई जाती है। सनातन धर्म गणेश चतुर्थी को बहुत महत्व दिया जाता है। चतुर्थी तिथि को भगवान को गणेश समर्पित किया जाता है। हर महीनेकी दोनों चतुर्थी को व्रत रखा जाता है। महीने की एक विनायक चतुर्थी और दूसरी संकष्‍टी चतुर्थी होती है। सावन के महीने की विनायक चतुर्थी 21 जुलाई की है। सावन माह की विनायक चतुर्थी बहुत ही खास होती हु। इस दिन एक ओर बेहद शुभ रवि योग बन रहा है तो दूसरी ओर भद्रा का भी साया रहेगा।

सावन की गणेश चतुर्थी पर है शुभ योग
इस बार सावन महा की विनायक चतुर्थी पर रवि योग बन रहा है, साथ ही इस दिन भद्रा का साया भी रहेगा. विनायक चतुर्थी के दिन व्रत रखना और भगवान गणेश की पूजा करना जीवन में अपार सुख-समृद्धि देता है. साथ ही जीवन के सारे कष्‍ट भी दूर होते हैं. ध्‍यान रहे कि विनायक चतुर्थी के दिन चंद्रमा को देखना वर्जित किया गया है, लिहाजा इस दिन चंद्र दर्शन ना करें.

विनायक चतुर्थी 2023 तिथि पूजा मुहूर्त
हिंदी पंचांग के अनुसार श्रावण अधिक मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि 21 जुलाई की सुबह 06 बजकर 58 मिनट से प्रारंभ होगी और 22 जुलाई की सुबह 09 बजकर 26 मिनट पर समाप्‍त होगी. उदयातिथि के अनुसार सावन का पहला विनायक चतुर्थी व्रत 21 जुलाई शुक्रवार को रखा जाएगा और इसी दिन गणेश जी की पूजा की जाएगी. विनायक चतुर्थी की पूजा के लिए शुभ मुहूर्त 21 जुलाई 2023 की सुबह 11 बजकर 05 मिनट से दोपहर 01 बजकर 50 मिनट तक करीब 2 घंटे का रहेगा. इस शुभ मुहूर्त में लाभ-उन्नति मुहूर्त और अमृत-सर्वोत्तम मुहूर्त भी है.

चतुर्थी पर रवि योग और भद्रा काल
सावन की पहली विनायक चतुर्थी के मौके पर 21 जुलाई की दोपहर 1 बजकर 58 मिनट से 22 जुलाई की सुबह 5 बजकर 37 मिनट तक रवि योग रहेगा. इस दौरान शुभ कार्य करना अच्‍छा होता है. वहीं 21 जुलाई की रात 8 बजकर 12 मिनट से 22 जुलाई की सुबह 5 बजकर 37 मिनट तक भद्रा रहेगी. चूंकि इस भद्रा का वास पृथ्वी लोक में हैं, लिहाजा इस भद्रा काल के दौरान कोई भी शुभ कार्य न करें। इस चतुर्थी पर चंद्रोदय का समय रात 8 बजकर 29 मिनट पर होगा।