Fridabad/AliveNews: फरीदाबाद डीसी विक्रम सिंह ने बताया कि जिला में प्रशासनिक कमेटी की अनुशंसा पर ही अवैध कॉलोनियों को नियमित किया जाए। साथ ही कि सरकार द्वारा जारी हिदायतों के अनुसार अधिसूचना के अनुसार अवैध कॉलोनियों के डेवलपर्स, जमीन मालिक अथवा रेजिडेंशियल वेलफेयर एसोसिएशन आवेदन करें। वहीं आवेदन के साथ कॉलोनी का लेआउट प्लान व मलकियत से संबंधित राजस्व दस्तावेज संलग्न करना अनिवार्य है।
उन्होंने कहा कि हरियाणा सरकार ने नगर निगम की सीमा से बाहर विकसित की गई अवैध कॉलोनियों में नागरिक सुविधाओं के साथ अवैध कॉलोनियों को नियमित करने के लिए अधिसूचना जारी कर दी थी। सरकार द्वारा जारी की गई इस अधिसूचना के 6 महीने की अन्दर अवैध कॉलोनियों के डेवलपर्स, जमीन मालिक अथवा रेजिडेंशियल वेलफेयर एसोसिएशन को आवेदन करना था।और आवेदन के साथ कॉलोनी का लेआउट प्लान व मलकियत से संबंधित राजस्व दस्तावेज संलग्न करने थे।
सरकार द्वारा जारी हिदायतों के अनुसार डीसी की अध्यक्षता में एक कमेटी आवेदनों की जांच करेगी। इस कमेटी में जिला नगर योजनाकार कन्वीनर, मुख्य कार्यकारी अधिकारी जिला परिषद , जिला विकास एवं पंचायत अधिकारी, कार्यकारी अभियंता, पीडब्ल्यूडी बीएंडआर , कार्यकारी अभियंता पीएचईडी, जिला अग्निशमन अधिकारी,कार्यकारी अभियंता पंचायती राज और तहसीलदार को सदस्यों के तौर पर शामिल किया गया है। जबकि इस कमेटी की अनुशंसा पर अवैध कॉलोनियों में बुनियादी सुविधाएं देने व इन्हें नियमित करने की प्रक्रिया शुरू की जा रही है तथा आवेदकों द्वारा कॉलोनियों को नियमित करने के लिए बिल्ट अप एरिया के लिए कलेक्टर रेट का 5 प्रतिशत और खुले क्षेत्रों के लिए 10 प्रतिशत की दर से विकास शुल्क जमा करवाने उपरान्त कॉलोनियों को नियमित किया जा रहा है। साथ ही वहां रहने वाले नागरिकों को मूलभूत सुविधाएं प्रदान की जा रही है।
डीसी विक्रम सिंह ने कहा कि सरकार द्वारा जारी हिदायतों के अनुसार की पॉलिसी अनुसार अवैध कॉलोनियों को चार श्रेणियों में बांटा गया है। जिन कॉलोनियों में 25 प्रतिशत तक निर्माण हो चुका है, वहां सड़कों को 9 मीटर से अधिक चौड़ा करते हुए पार्क का निर्माण कराया जाएगा। वहीं 20 एकड़ से अधिक में बसी कॉलोनियों में 500 वर्ग मीटर क्षेत्र सामुदायिक भवन के लिए होगा। इसी तरह जहां 25 से 50 प्रतिशत तक निर्माण हो चुका है, वहां सड़कों को न्यूनतम 6 मीटर चौड़ा करने के लिए जगह रखी गई है। पार्कों के लिए न्यूनतम 3 प्रतिशत क्षेत्र रखना होगा। इसके साथ 50 से 75 प्रतिशत तक निर्माण वाली कॉलोनियों में सड़क की चौड़ाई के लिए कोई मापदंड नहीं है। जिन कालोनियों में 75 प्रतिशत अधिक निर्माण हो चुके हैं, वहाँ जमीन और मकान की बिक्री पर कोई प्रतिबंध नहीं होगा।
समीक्षा बैठक में जिला योजनाकार अधिकारी राजेन्द्र शर्मा ने डीसी विक्रम सिंह को एक-एक करके सरकार द्वारा जारी हिदायतों के अनुसार बिन्दुवार जानकारी दी। समीक्षा बैठक में एडीसी अपराजिता, डीडीपीओ राकेश मोर, कार्यकारी अभियंता पंचायती राज गजेन्द्र सिंह सहित बैठक से जुड़े विभिन्न विभागों के अधिकारियों ने भाग लिया।