November 17, 2024

300 साल पुरानी ऐतिहासिक धरोहर को मिला पुनर्जीवन

Faridabad/Alive News: राजा नाहर सिंह की नगरी बल्लभगढ़ में ऐतिहासिक इमारतों को संरक्षित करने की एक मुहिम शुक्रवार को रंग ले आई। अपनी अंतिम सांसे गिन रही लगभग 300 वर्ष से भी पुरानी रानी की यह छतरी अब एक नया रूप ले चुकी है। प्रदेश के परिवहन मंत्री व बल्लभगढ़ विधायक मूलचंद शर्मा के अथक प्रयास से पुरानी रानी की यह छतरी अब एक नया रूप ले चुकी है। इस प्रयास में उन्होंने जर्जर हो चुकी इस रानी की छतरी के पुर्नउद्धार का बीड़ा उठाया। नए स्वरूप में आ चुकी इस रानी की छतरी को गुरुवार को मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने परिवहन मंत्री मूलचंद शर्मा की उपस्थिति में जनता को समर्पित कर दिया। अब कोई भी व्यक्ति या पर्यटक बगैर एक भी पैसा खर्च किए इसका दीदार कर सकता है। यह छतरी राष्ट्रीय राजमार्ग नंबर-2 से सिर्फ 100 मीटर की दूरी पर स्थित है और यह बल्लभगढ़ के गौरवशाली इतिहास की एक गवाह भी बन चुकी है।

बल्लभगढ़ के राजा नाहर सिंह 1857 की क्रांति के अग्रिम पंक्ति के योद्धा थे। उनका महल आज भी उनकी वीर गाथा बताता है। कहा जाता है कि उनकी रानी यहां बने तालाब में स्नान करने के बाद छतरी के ऊपर पूजा किया करती थी। कई सरकारें आई और चली गई लेकिन इस ऐतिहासिक धरोहर को बचाने का किसी ने ध्यान नहीं दिया। यहां तक कि इस रानी की छतरी की दीवारें जर्जर होकर ढह चुकी थी और यहां पर बड़ी संख्या में झाडिय़ां उग गई थी। इस स्थान पर कई लोग कूड़ा भी डाल देते थे। स्थानीय लोगों के अनुसार इस धरोहर का जो कुछ अंश बचा था उसे लोहे के गार्डर इत्यादि लगाकर बचाया गया था।

परिवहन मंत्री मूलचंद शर्मा ने बताया कि विधायक बनने के बाद जब वह एक दिन शाखा परिसर का दौरा करने गए थे स्थानीय सामाजिक संस्थाओं ने उन्हें इस रानी की छतरी की दुर्दशा के बारे में बताया। उन्होंने दौरा किया तो देखा कि वाकई यह ऐतिहासिक भवन अपनी अंतिम सांसे गिन रहा है। उन्होंने बताया कि उन्होंने इस काम के लिए स्थानीय लोगों को आगे आने का आह्वान किया। उन्होंने खुद भी 20 लाख रुपये की मदद अपने निजी कोटे से की। अब करीब दो करोड़ रुपये की लागत के बाद यह रानी की छतरी पुन: अपने पुराने स्वरूप में लौट चुकी है। समाजसेवी आनंद मेहता ने बताया कि यह रानी की छतरी अपने अंतिम दिन गिन चुकी थी। परिवहन मंत्री मूलचंद शर्मा के सहयोग से आज हम इस ऐतिहासिक धरोहर को बचाने में सफल रहे हैं।