फरीदाबाद। फरीदाबाद में एक परिवार को करोड़ों रुपए का बिजली बिल भेजने के मामले में हरियाणा सरकार ने बिजली वितरण निगम के एक एसडीओ समेत तीन अफसरों को सस्पेंड किया है। गजब की बात है कि बिजली का उपभोग महज 199 यूनिट्स दिखाया जा रहा है, जबकि अदा की जाने वाली राशि 77 करोड़ 89 लाख 57 हजार 422 रुपए है। शनिवार को किसी भी अधिकारी से संपर्क नहीं हो पाया, लेकिन पीड़ित परिवार का दर्द मीडिया के जरिए सरकार तक पहुंच ही गया। मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर के ओएसडी जवाहर यादव ने रविवार सुबह ही इस मामले में जिम्मेदार अधिकारियों पर कार्रवाई का भरोसा दिया था।
दरअसल आदर्श काॅलोनी के मकान नंबर J-1 में रहने वाले वाल्मीकि समाजसेवी सुनील कंडेरा के चार कमरे के मकान का बिजली बिल 77 करोड़ 89 लाख 57 हजार 422 रुपए आया है। पीड़ित ने बताया कि इस बिल को देखकर जहां उसके होश उड़ गए। वहीं इसे सुनकर उसकी बुजुर्ग मां की तबीयत खराब हो गईऔर उन्हें डाॅक्टर को बुलाना पड़ा। उन्होंने कहा कि यदि बिजली निगम की लापरवाही के चलते उसके परिवार के किसी सदस्य को कुछ हो गया तो इसकी जिम्मेदार सरकार होगी। उन्होंने कहा की वह बिल नहीं भरेंगे और सीएम विंडो पर इसकी शिकायत दर्ज करवाएंगे। इतना ही नहीं करोड़ों का बिल आने की सूचना पाकर स्थानीय लोग वहां इकठ्ठा हो गए और प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। एक अन्य पीड़ित सद्दाम ने बताया की उसका दो कमरे के मकान का बिल 58 हजार आया है। इतने गलत और भारी भरकम बिलों को देखकर उनके बुजुर्गों को कुछ भी हो सकता है। संपतलाल ने बताया कि इतने बड़े बिल भेजकर बिजली विभाग बुजुर्गों को हार्टअटैक की बीमारी दे रहा है।
दलित या गैर दलित मुद्दा न बजनाया जाए
रविवार को इस मामले में मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर के ओएसडी जवाहर यादव ने चंडीगढ़ में मीडिया से मुखातिब हो जिम्मेदार बिजली अफसरों पर सख्त कार्रवाई का आश्वासन दिया। उन्होंने कहा कि लापरवाही किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं की जाएगी। इसके अलावा यादव ने लोगों से अपील भी की कि इस मामले को दलित या गैर दलित का मुद्दा न बनाया जाए। यह एक विभागीय खामी है, जिसका खामियाजा किसी भी वर्ग या जाति के व्यक्ति को भुगतना पड़ सकता है। फिलहाल मामला उनके ध्यान में आ गया है और यह घोर लापरवाही है।