December 23, 2024

18 साल के युवक की 18 सेमी लंबी पूंछ निकालने के लिए कराया ऑपरेशन

Nagpur : सोमवार को सुपर स्पेशलिटी अस्पताल में एक 18 साल के युवक की 18 सेमी लंबी पूंछ निकालने के लिए ऑपरेशन किया गया। डॉक्टर इसे अब तक इंसानों में सबसे लंबी पूंछ होने का दावा कर रहे हैं। लोग इतने सालों तक पूंछ के कारण संबंधित व्यक्ति को अवतार समझकर पूजते रहे और मरीज इसके कारण दर्द से कराहता रहा। जब दर्द हद से ज्यादा बढ़ने लगा तो डॉक्टरों के पास पहुंचकर इसे निकलवाने का निर्णय लिया गया।
लोगों ने समझाया कि यह भगवान का स्वरूप है
– मामला नरखेड़ स्थित अंबाडा देशमुख गांव के विवेक कुमार (परिवर्तित नाम) का है। वह वर्तमान में नागपुर के झिंगाबाई टॉकली क्षेत्र में अपने परिवार के साथ रहता है।
– जन्म के साथ ही इसे पूंछ थी। खबर आस-पास के क्षेत्र में फैल गई। लोग भगवान का अवतार समझने लगे और हर दिन उसे देखने के लिए जमावड़ा लगने लगा।
– इसके बाद परिजन नागपुर आकर रहने लगे। नागपुर में भी लोगों के आने का सिलसिला करीब 2 साल चलता रहा।
– आस्था से जुड़े लोगों ने परिवार को समझाया कि यह भगवान का स्वरूप है, इसलिए इसे निकलवाने चिकित्सक के पास न जाएं और ऑपरेशन न करवाएं।
– चूंकि दंपत्ति का यह पहला बच्चा था और वे अशिक्षित भी थे, इस कारण मजदूर दंपत्ति लोगों की बातों में आ गए।
उम्र के साथ बढ़ती गई तकलीफ
– इधर, बच्चा बड़ा होता गया और उसकी समस्या बढ़ती गई। उसे उठने-बैठने में तकलीफ होने लगी। खासतौर से वह सीधा सो नहीं पा रहा था। उसे इसके कारण दर्द होने लगा।
– अंतत: परिजन उसे लेकर डॉक्टर के पास पहुंचे। सोमवार को न्यूरोसर्जन डॉ.प्रमोद गिरी, डॉ.दिविक मित्तल, डॉ.विवेक अग्रवाल, एनेस्थेटिक डॉ.लूलू वली ने सफल ऑपरेशन कर पूंछ निकाल दी।
– अब युवक पूरी तरह स्वस्थ्य है और आराम महसूस कर रहा है।

12 वर्ष के बाद होने लगा था दर्द
– बताया गया कि बच्चे का जब जन्म हुआ, तब उसे करीब 4 सेंटीमीटर की पतली सी पूंछ थी, लेकिन उम्र बढ़ने के साथ वह बढ़ने लगी और 12 वर्ष की उम्र के बाद उसे सीधे सोने में दर्द होने लगा।
– यह बात बच्चे ने अपने माता-पिता को बताई, लेकिन आस्था के कारण लोगों ने उसकी बात को अनसुना कर दिया ।

शर्म के कारण नहीं बताता था किसी को
– विवेक के माता-पिता को पता था कि उसके बच्चे को जन्म से पूंछ है, लेकिन करीब छह-सात साल से किसी ने भी पूंछ नहीं देखी थी। शर्म के कारण वह किसी से भी ‘पूंछ’ की चर्चा नहीं करता था।
– मेडिकल में इसे कंजेनाइटल न्यूरो डेवलपमेंटल मालफार्मेशन कहते हैं। ऐसी बीमारियों में रीड्ड की हड्डी और स्पाइनल कोड के बाहर आने की आशंका रहती है, जिससे पैरालायसिस होने की आशंका रहती है।
– सिटी स्कैन एवं एमआरआई जांच की गई। सामने आया कि िसर्फ रीड्ड की हड्डी का विभाजन हुआ है, स्पाइन का नहीं। इससे ऑपरेशन में सुविधा हुई।
न्यूरो सर्जन डॉ.प्रमोद गिरि के मुताबिक, मेडिकल वर्ल्ड लिटरेचर केस रिपोर्ट के अनुसार, अब तक एेसे 8-10 ही मामले सामने आए हैं, लेकिन उनकी लंबाई 10 से 12 सेंटीमीटर रही होगी। जबकि इस मरीज की पूंछ 18 सेंटीमीटर थी। इसे मेडिकल भाषा में कंजेनाइटल न्यूरो डेवलपमेंटल मालफार्मेशन कहते हैं, जो जन्म से होता है।