May 18, 2024

संक्रमण के बीच भी सरकारी स्कूलों में परिवार पहचान पत्र बनाने का कार्य जारी, अध्यापक डर के साए में

Faridabad/Alive News: जहां एक तरफ पूरा प्रदेश कोरोना संक्रमण की चपेट में है। वहीं दूसरी तरफ प्रदेश के सरकारी स्कूलों में पीपीपी (परिवार पहचान पत्र) बनाने का कार्य अभी भी जारी है। जिससे सरकारी अध्यापकों के बीच कोरोना संक्रमण का खतरा बना हुआ है।

दरअसल, हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने 2 जनवरी 2020 को प्रदेश में परिवार पहचान पत्र बनवाने की घोषणा की थी और कहा था कि प्रदेश वासियों को 31 मार्च 2021 के बाद केवल परिवार पहचान पत्र के माध्यम से ही सभी सरकारी योजनाओं और सेवाओं का लाभ मिलेगा। साथ ही परिवार पहचान पत्र बनाने का कार्य प्रदेश के सरकारी स्कूलों के अध्यापकों को सौंपा था।

पहले ही राज्य सरकार का स्वास्थ्य विभाग प्रदेश में कोरोना संक्रमित मरीजों को स्वस्थ्य सेवाएं मुहैया कराने में असफल रहा है और यदि ऐसे में अध्यापकों को कुछ होता है तो ऑनलाइन कक्षाओं के माध्यम से पढ़ाई करने वाले और देश का भविष्य कहे जाने वाले बच्चों का भविष्य क्या होगा ? इस कोरोना संक्रमण के दौर में प्रदेश सरकार के लिए लोगो का परिवार पहचान पत्र बनवाना जरुरी है शिक्षकों की जिंदगी और बच्चों का भविष्य नही ?

हालांकि, संबंधित मामले में मिली जानकारी के अनुसार जिला शिक्षा अधिकारी रितु चौधरी का कहना है कि परिवार पहचान पत्र का कार्य सरकारी स्कूलों में होने से अध्यापकों को बच्चों की ऑनलाइन कक्षाएं लेने में काफी दिक्कतें आती हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश में प्रतिदिन कोरोना संक्रमित मरीजों के आंकड़ों में लगातार इजाफा हो रहा है। ऐसे में प्रदेश सरकार द्वारा सरकारी स्कूलों में पीपीपी बनाने का कार्य जारी रखना अध्यापकों के साथ-साथ अन्य लोगों को भी मुश्किल हालातों में डाल सकता है।