Faridabad/Alive News : श्री महारानी वैष्णव देवी मंदिर में आज माता कूष्मांडा की भव्य पूजा की गई। मंदिर के पुजारी पंडित ओमप्रकाश ने भक्तों को बताया कि ईशांत हास्य से ब्रहमांड की रचना करने वाली देवी भगवती कूष्मांडा नाम से प्रसिद्ध हुई हैं। इनकी कांति और आभा सूर्य के समान हैं। कूष्मांडा देवी ने ही सृष्टि का विस्तार किया है। इनका यह स्वरूप अन्नपूर्णा का है। प्रकृति का दोहन और लोगों को भूख प्यास से व्याकुल देखकर मां शाकुंभरी का रूप धरा।
शाक से धरती को पल्लवति किया और शाताक्षी बनकर अंसुरों का संहार किया। कूष्मांडा देवी उदर की देवी है। यह प्रकृति की अधिष्ठात्री है। नवरात्रे के चौथे दिन शाक सब्जी और अन्न दान फलदायी है। माता के इस रूप में तृप्ति ओर तुष्टि दोनों हैं।मां कूष्मांडा की पूजा अर्चना करने के लिए मंदिर में सुबह से ही भक्तों का तांता लगा रहा। मंदिर संस्थान के प्रधान जगदीश भाटिया ने पूजा अर्चना का शुभारंभ करवाया।
इस अवसर पर उनके साथ नेतराम गांधी, राजू, दिनेश चित्तकारा, राहुल, अनिल भाटिया, गिर्राजदत्त गौड़, बीआर कथूरिया, प्रीतम धमीजा, फकीरचंद कथूरिया एवं अशोक नासवा ने माता रानी की पूजा में हिस्सा लिया।