तिलक राज शर्मा/प्रदीप अरोड़ा
Faridabad : गत दिवस कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं ने नेहरू की जन्म शताब्दी के श्रद्धांजलि दिवस पर वर्षो को उल्ट फेर करके यह दर्शा दिया कि उन्हें हिन्द के जवाहर नेहरू की स्मरणोत्सव की यादें भी औझल होने लगी है। यह अलग तथ्य है कि कांग्रेस के कुछ वरिष्ठ नेता विदेशों से पढ़ाई करके लौटे है, इस लिए उन्हें अपने ही देश के प्रथम प्रधानमंत्री की जयंती के वर्षो की याद ही नही है।
भारत के विभिन्न प्रदेशों में सर्व प्रथम प्रधानमंत्री स्व. पं. जवाहर लाल नेहरू किसी कांग्रेसी नेता ने 125वीं जयंति मनाई, तो किसी ने 126वीं तथा 127वीं जयंती मनाई। हालात तो यहां तक है कि पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने भी देश के प्रथम प्रधानमंत्री की जयंती को अपने संबोधन में 126वें वर्ष में घोषित कर दिया। पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन के संबोधन के समय मंच पर स्वयं राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी भी मौजूद थे।
नई दिल्ली के साथ लगते केवल हरियाणा प्रदेश के फरीदाबाद के जिला अतिरिक्त उपायुक्त डॉ.आदित्य दहिया ने ही पं.नेहरू की सही जन्म शदाब्दी को अपने संबोधन में उल्लेख किया। गौरतलब है कि स्व. पं.जवाहर लाल नेहरू 14 नवम्बर 1889 को स्वर्ग सिधारे थे। इस प्रकार 14 नवम्बर 2015 तक 126 वर्ष होते है, लेकिन दिल्ली आयोजित कार्यक्रम में लगे होडिगर्स में 125वां वर्ष लिखा हुआ था और पूर्व प्रधानमंत्री की बैठक में 126वां वर्ष लिख दिया गया। हिन्दू संस्कृति की परम्परा के अनुसार स्व. पं.नेहरू की श्रदांजलि जयंती 127वें वर्ष में प्रवेश कर चुकी है, जिसे केवल फरीदाबाद के अतिरिक्त उपायुक्त आदित्य दहिया के संबोधन ने ही सही कर दिखाया।
यह अलग तथ्य है कि उपरोक्त कांग्रेस के नेताओं के बयानों को उनके अधीनस्थ पीआरओ ही तैयार करते है, परन्तु उन्होंने इस तथ्य पर गौर नही किया। कांग्रेस के किसी वरिष्ठ नेता ने भी समाचार छपने के बाद उसका खंडन ना जारी करके यह साबित कर दिया कि उनके अधीनस्थ पीआरओ सही काम कर रहे है। कमाल की बात तो यह है कि राहुल गांधी के समर्थक प्रथम बार विधायक बने ललित नागर भी स्व.पं.नेहरू की जयंति 125वीं बार मना रहे थे।