भोपाल 2 मई :बुंदेलखंड बीते तीन साल से भयंकर सूखा झेल रहा है। इस साल भी यहां पानी के लिए त्राहि-त्राहि मची है और लोगों को मजबूरन पलायन करना पड़ रहा है। भयंकर सूखे से निपटने के लिए टीकमगढ़ जिले के पांच गांवों के लोगों ने मिलकर डैम बनाने का अभियान चलाया है। वे 150 फीट लंबा और 15 फीट चौड़ा बांध बना रहे हैं। इस काम में पुरुषों के साथ-साथ महिलाएं और छोटे-छोटे बच्चे भी सिर पर पत्थर ढो रहे हैं। चना, मुरमुरा और गुड़ खाकर करते हैं काम…
– महाराष्ट्र के लातूर जैसे हालात बुंदेलखंड में भी कई जगह हैं। सामाजिक संस्था एकता परिषद की पहल पर यह काम शुरू हुआ। अब यह स्टॉप डेम लगभग आधा बन गया है। एकता परिषद के राष्ट्रीय समन्वयक अनीष कुमार ने बताया कि सभी ग्रामीण सुबह 7 बजे से 11 बजे तक श्रमदान करते हैं। वे चना, मुरमुरा और गुड़ खाकर काम करते हैं।
– इस स्टॉप डेम को बनाने में एक रुपया भी खर्च नहीं किया जा रहा है। टोरी पंचायत के सरपंच जगदीश अहिरवार ने बताया कि गांव सहित पूरे इलाके में जल संकट है। श्रमदान में लिधोरा, बसटगुवा, टोरी, रतनगुवा, और पलेरा के ग्रामीण शामिल हैं। प्रशासन के मुताबिक यह काम करीब 10 लाख रुपए का है, जिसे गांव वाले बिना पैसे खर्च किए कर रहे हैं।