New Delhi/Alive News : बंगाल की खाड़ी में बना वेदर सिस्टम ताकतवर होकर डीप डिप्रेशन में तब्दील हो चुका है, लेकिन ये अपनी जगह पर और ज्यादा ताकतवर होता चला जा रहा है. मौसम विभाग के मुताबिक अगले कुछ घंटों में ये वेदर सिस्टम एक चक्रवाती तूफान का विकराल रूप धारण कर लेगा.
अभी तक डीप डिप्रेशन पोर्ट ब्लेयर से उत्तर-पूर्व दिशा में तकरीबन 550 किलोमीटर की दूरी पर मौजूद है. इस समय इस वेदर सिस्टम के अंदर 55 से 65 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से हवाएं उमड़-घुमड़ रही हैं. वेदर राडार और उपग्रह से मिल रही जानकारी के आधार पर ऐसा अनुमान लगाया जा रहा है कि ये वेदर सिस्टम 25 तारीख को सुबह के वक्त चक्रवाती तूफान में तब्दील हो जाएगा. जब ये वेदर सिस्टम साइक्लोन यानी चक्रवाती तूफान में तब्दील होगा, तो ये समंदर के अंदर ही होगा और इसके अंदर चल रही हवाओं की रफ्तार 70 से 80 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार पर पहुंच जाएगी. साइक्लोन सेंटर के मुताबिक साइक्लोन बनने के बाद इसका नाम क्यांत (KYANT) चक्रवात होगा और ये नाम म्यांमार का दिया हुआ नाम है.
मौसम विभाग के एडीजी एम महापात्र के मुताबिक इस बार जो साइक्लोन बनने जा रहा है वो एक दुर्लभ किस्म की घटना है. वजह ये है कि पहले ये वेदर सिस्टम म्यांमार तट की तरफ जा रहा था, लेकिन वहां ये वेदर सिस्टम मुड़ा और इसने भारत की तरफ रुख कर लिया. इससे पहले 2013 में मादी चक्रवाती तूफान ने भी इसी तरह की गतिविधि की थी. खास बात ये है कि बंगाल की खाड़ी में बना वेदर सिस्टम ताकतवर हो रहा है और इसके चक्रवात बनने में किसी को भी आशंका नहीं है. अभी तक मिले आंकड़ों के आधार पर मौसम विभाग यही कह रहा है कि बनने वाला चक्रवात 27 तारीख को उत्तर-पश्चिम बंगाल की खाड़ी में पहुंच जाएगा. लेकिन ये साइक्लोन उड़ीसा की तरफ बढ़ेगा या पश्चिम बंगाल की तरफ इस बारे में अभी भी सही-सही बता पाना संभव नहीं है. साइक्लोन सेंटर के मुताबिक अगले 24 घंटों में इस बारे में स्थिति और साफ हो पाएगी.
साइक्लोन सेंटर के मुताबिक उड़ीसा और पश्चिम बंगाल के तटीय इलाकों में हवाओं की रफ्तार बढ़ेगी. 27 अक्टूबर से उड़ीसा और पश्चिम बंगाल के समुद्र तटीय इलाकों में 55 से लेकर 65 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से तेज हवाएं चलेंगी और समंदर काफी अशांत रहेगा. इसके चलते इन दोनों राज्यों में मछुआरों को समंदर में ना जाने की सलाह दी गई है. मौसम विभाग ने स्थानीय प्रशासन को अलर्ट कर दिया है. ऐसा अनुमान है कि 27 अक्टूबर को साइक्लोन क्यांत 85 से 95 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार के साथ तटीय इलाकों के पास पहुंच जाएगा. लेकिन 28 अक्टूबर को ये चक्रवाती तूफान अपने चरम पर पहुंचेगा, तो इसमें चल रही हवाओं की रफ्तार 90 से 100 किलोमीटर प्रति घंटे के बीच होने का अनुमान है.