फरीदाबाद : हरियाणा अभिभावक एकता मंच ने शिक्षा का व्यवसायीकरण कर रहे निजी स्कूलों के कार्यक्रमों में मंत्री, विधायक व वरिष्ठ अधिकारियों के बतौर मुख्यातिथि भाग लेने पर कड़ा विरोध प्रकट करते हुए कहा है, कि वे निजी स्कूलों में न जाकर सरकारी स्कूलों के कार्यक्रमों में भाग लेकर वहां के छात्र व अध्यापकों का हौंसला बढ़ाए और इन सरकारी स्कूलों की दशा सुधारने में अपना योगदान दें। मंच के जिलाध्यक्ष शिव कुमार जोशी व जिला सचिव डॉ.मनोज शर्मा ने बताया कि केन्द्रीय राज्य मंत्री कृष्णपाल गुर्जर व मुख्य संसदीय सचिव सीमा त्रिखा को यह अच्छी तरह पता है कि हुडा नियमों के उल्लंघन पर शहर के दो निजी स्कूलों को रिज्यूम किया गया है और 40 को नोटिस दिया गया है। मण्डल आयुक्त गुडग़ांव के आदेश पर शहर के सात निजी स्कूलों की मनमानियों व उनके आय-व्यय की जांच चल रही है। उसके बावजूद ये दोनों जन प्रतिनिधि गत दिनों सूरजकुण्ड स्थित अरावली इंटरनेशनल स्कूल के वाॢषकोत्सव कार्यक्रम में बतौर मुख्यातिथि के रूप में शामिल हुए। इसी के चलते इन निजी स्कूल प्रबंधकों के हौंसले बुलंद है। मंच के प्रदेश महासचिव कैलाश शर्मा ने सभी जनप्रतिनिधियों को याद दिलाते हुए कहा कि उनकी जीत में गरीब, मध्यम अभिभावकों का महत्वपूर्ण योगदान है। स्कूल प्रबंधक जनप्रतिनिधियों को आर्थिक चंदा दे सकते हैं, चुनाव रैली के लिए अपनी बसें दे सकते हैं, लेकिन उन्हें वोट नहीं दिला सकते। वोट तो अभिभावक देते हैं और दिलाते हैं। अत: उन्हें अभिभावकों के हित में कार्य करना चाहिए और हरियाणा में शिक्षा के व्यवसायीकरण पर पूरी तरह से रोक लगे और सरकारी स्कूलों की दशा में सुधार हो, इसके लिए प्रयास करना चाहिए।