December 24, 2024

जीत की खुशी में बौराना और विरोधियों का मजाक उड़ाना मेरा स्वभाव नही : नीतीश कुमार

पटना : बिहार विधानसभा चुनाव में भाजपा की करारी हार पर पार्टी के भीतर बयानबाजी पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने आज कहा कि यह स्वभाविक है कि हर क्रिया की प्रतिक्रिया होती है।

पटना स्थित राजभवन जाकर राज्यपाल राम नाथ कोविंद को दिवाली की बधायी देने के बाद राजभवन से बाहर पत्रकारों के नीतीश कुमार से बिहार विधानसभा चुनाव में भाजपा की करारी हार पर पार्टी के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी सहित अन्य नेताओं की भावना के साथ होने के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि वे भाजपा के सदस्य नहीं हैं, इसलिए उसमें उनका कोई दखल नहीं हो सकता है। उन्होंने कहा कि वे इतनी बात जानते हैं कि हर क्रिया की प्रतिक्रिया होती है तो जैसी क्रिया भाजपा ने की उसकी प्रतिक्रिया हो रही है।

नीतीश ने कहा कि इस चुनाव को उतना हाई प्रोफाइल नहीं बनाते तो उतनी प्रतिक्रिया नहीं होती। हाई प्रोफाइल ज्यादा बना दिया है, इसलिए प्रतिक्रिया हो रही है। उन्होंने कहा कि अगर इसको सहज एवं सामान्य ढंग से भाजपा लेती तो भिन्न परिस्थिति थी लेकिन जिस प्रकार से इन्होंने बिहार विधानसभा चुनाव को लिया, इस तरह का बयान दिया, ‘मैं इन चीजों के बारे में टिप्पणी तो नहीं करुंगा। गत 8 नवंबर को ही मैनें अपनी राय प्रकट कर दी, जब जनता ने विशाल जनमत दे दिया तो उसको विनम्रतापूर्वक स्वीकार करते हुये मैंने कहा था कि मैं विपक्ष का सम्मान करुंगा, उनके सहयोग का आकांक्षी रहूंगा।’ उन्होंने कहा कि बिहार के विकास में सबका सहयोग जरुरी है और मिल जुलकर काम करेंगे।

मुख्यमंत्री ने कहा कि अगर जीत मिले तो बहुत ज्यादा मन में यह भाव नहीं आना चाहिए कि जीत गये और जीत की खुशी में बौराना उनका स्वभाव नहीं है। अपने विरोधियों का मजाक उडाया जाये, इस स्वभाव का व्यक्ति नहीं हूं। चुनाव के दौरान जनता ने विशाल जनसमर्थन दिया। महागठबंधन की जबर्दस्त जीत हुई। इसके लिए बिहार की जनता बधाई के पात्र है।

नीतीश ने कहा, ‘मुझे बहुत काम करना है लेकिन जहां तक भाजपा के अन्दर हो रही घटनाओं का प्रश्न है यह उनका अंदरुनी मामला है। मैं इस मसले में हस्तक्षेप नहीं करना चाहता लेकिन मेरी समझ में चुनाव प्रचार बहुत ज्यादा हाई प्रोफाइल था तो चुनाव के बाद इसमें चर्चा ज्यादा होगी।’ उन्होंने कहा कि भाजपा का यह नारा था कि भाजपा के तीन धरोहर अटल, आडवाणी और मुरली मनोहर। हाई प्रोफाइल चुनाव अभियान में विपरीत परिणाम निकलने पर पार्टी के अन्दर चिंतन या चर्चा का दौर चल रहा है तो यह उनका आंतरिक मसला है। वह इस पर कोई प्रतिक्रिया व्यक्त नहीं करना चाहते हैं।

उल्लेखनीय है कि बिहार विधानसभा चुनावों में करारी हार के बाद भाजपा में कल अंतर्कलह उस समय खुलकर सामने आ गया जब लालकृष्ण आडवाणी और मुरली मनोहर जोशी के साथ दो अन्य वरिष्ठ नेताओं ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व के खिलाफ असंतोष का बिगुल बजाते हुए कहा था कि पिछले एक साल में पार्टी शक्तिहीन हुई है और उसे कुछ मुट्ठीभर लोगों के अनुसार चलने पर मजबूर किया जा रहा है। भाजपा का नाम लिये बिना गुजरात के एक वरिष्ठ आरएसएस प्रचारक के यह कहे जाने कि अहंकार के कारण गलतियों को नहीं स्वीकार करने से अधिक नुकसान होता है। शत्रुघ्न सिन्हा और दो अन्य सांसद हुक्मदेव नारायण यादव एवं आर के सिंह द्वारा बिहार की हार के लिए पार्टी पर हमला करने के बाद अब बेगूसराय से दो बार के सांसद भोला सिंह ने भी उनके सुर में सुर मिलाते हुए मोदी पर असंयमित भाषा का उपयोग करने का आरोप लगाया था।

इससे पूर्व नीतीश ने राजभवन जाकर राज्यपाल रामनाथ कोविंद से मिलकर उन्हें दीपावली की शुभकामनाये दी। मुख्यमंत्री ने कहा कि दीपावली प्रकाश का पर्व है और उनकी कामना है कि पूरा देश प्रकाशित हो। हर के जीवन में रौशनी आये। पारस्परिक सहयोग एवं आपसी भाईचारा हो।