लोकतंत्र में चुनाव ही वह समय होता है जब तमाम नेताओं से सीधी बात कर सकते हैं और मर्यादा में रहकर करनी भी चाहिए।इसलिए ऐसा लग रहा है कि यही सही समय है।अतः हम एक नागरिक होने के नाते हरियाणा प्रदेश में विधानसभा का चुनाव लड़ रहे राष्ट्रीय दलों,क्षेत्रीय दलों,पंजीकृत दलों समेत निर्दलीयों के नाम यह खुला पत्र लिख रहे हैं कि लोकतंत्र में जनता सर्वोपरि होती है,जनता जनार्दन होती है।
अतः तमाम चुनाव लड़ रहे हर खास-ओ-आम यह स्पष्ट करें कि क्या वे चुनाव स्व-हित,सत्ता प्राप्ति के लिए लड़ रहे हैं या फिर वास्तव में जनसेवा करने की मंशा से लड़ रहे हैं?यकीनन सभी का जबाब होगा कि जनसेवा के लिए लड़ रहे हैं।इस जबाब के लिए हरियाणा की जनता की तरफ से आप सबको साधुवाद।अब आगे चलते हैं।जनहित में और लोकतंत्र के लिए यह जरूरी है कि आप सब अपनी-अपनी नीति और नियति के बारे अपना दृष्टिकोण स्पष्ट करें।सबसे पहले यह साफ करें कि क्या आप जिसके खिलाफ चुनाव लड़ रहे हैं,किसी भी सुरत में जीतने के बाद उसके साथ नहीं जाएंगे या जाएंगे?
दूसरा सवाल यह साफ करें कि आप संविधान को एक ढाल के तौर पर प्रयोग करते हैं या फिर आपकी संविधान में आस्था है?यदि आप जीत जाते हैं तो क्या आप भारतीय संविधान के अनुसार कार्य करेंगे या फिर अपने तरीके से?साथ ही यह भी जबाब दें कि आपकी बात पर क्यों और कैसे विश्वास किया जाए?हरियाणा की जनता आपसे पूछना चाहती कि प्रदेश भर में फैली बेरोजगारी के लिए आपके पास क्या योजना है?कृपा ध्यान दें कि सिर्फ इतना न बताएं कि हम इतने लाख भर्ती करेंगें बल्कि आप अपनी योजना बताइए कि भर्ती कैसे होगी,कितने समय में होगी,स्थाई होगी या नहीं,इस बारे आप सब अपनी नीति साफ करें?हरियाणा की जनता का सवाल है कि यदि आप जीत जाते हैं तो क्या आप धर्म,जाति,सम्प्रदाय,भाषा,रंग,नस्ल,भेद की राजनीति तो नहीं करेंगे?कृपा करके यह साफ करें कि जनशिक्षा के प्रति आपके,आपकी पार्टी के क्या विचार हैं?यह भी बताएं कि क्या आप शिक्षा के निजीकरण के पक्ष में हैं या विपक्ष हैं और यदि विपक्ष में तो फिर बताएं कि जनशिक्षा को लेकर आपकी निजी राय क्या है,बतौर उम्मीदवार राय क्या है,आपकी पार्टी की राय क्या है?हरियाणा की जनता आपसे पूछना चाहती है कि सुरक्षा के मसले पर आपका क्या प्लान है क्योंकि भाईचारे के नाम से विख्यात हरियाणा आजकल ठीक-ठाक दौर से नहीं गुजर रहा और तो और आम व्यक्ति भी यहाँ पूर्ण रूप से सुरक्षित नजर नहीं आ रहा,अतः सुरक्षा के विषय में आपकी क्या योजना है,कृपा स्पष्ट करें?हरियाणा की अधिकतर जनता या तो खेती-किसानी करती है या फिर खेती-किसानी पर निर्भर है।
अतः आप इस बारे अपनी रणनीति साफ-साफ बताएं,चाहे वह एमएसपी से जुड़ी हो,मनरेगा की दिहाड़ी बढ़ाने से जुड़ी हो,मजदूरों की आर्थिक स्तिथि से जुड़ी हो,इस बारे गोल-गोल ना घुमाकर साफ-साफ अपनी राय रखिए?छात्रों के लिए आपका क्या प्लान है क्योंकि छात्रों की अनेकानेक समास्याएँ हैं और जायज है,अतः उस बारे भी अपनी भावना साफ करें?महँगाई निरंतर बढ़ रही है,जिस वजह से दाल-रोटी खाना भी दूभर हो रहा है,महँगाई को कैसे आप कम करेंगे,इस बारे अपनी पूरी प्लान जरूर बताएं?पिछले दस-बीस सालों से हरियाणा प्रदेश में तरह-तरह के कच्चे कर्मचारियों की फौज खड़ी हो गई है,कृपा आप तमाम लोग इस बारे अपनी स्तिथि स्पष्ट करें कि क्या आप इन्हें पूर्ण रूप से पक्का करने के पक्षधर हैं या फिर आपकी नीतियों में भी इफ-बट शामिल है,बहुत सारे खासकर महिलाएँ परियोजनाओं के तहत सालों-साल से न्यूनतम वेतन से भी कम वेतन पर काम कर रही हैं,क्या आप उन्हें पक्का सरकारी कर्मचारी बनाने को तैयार हैं या फिर आपकी नीतियाँ क्या है,यह जरूर खुलकर बताएँ?
इतना ही नहीं बिजली,पानी,परिवहन की व्यवस्था के बारे में अपना मत जाहिर करें क्योंकि धीरे-धीरे ये व्यवस्थाएं हाशिए पर जा रही है जबकि तथ्य यह है कि प्रदेश भर के सबसे अधिक लोग इन सुविधाओं का लाभ लेते हैं।अतः बताएं कि क्या आप बिजली,पानी,परिवहन की व्यवस्था का विस्तारकरण करेंगे या फिर जिस तरह से इन्हें सिकोड़ा जा रहा है,आप भी इन्हें सिकोड़ने का काम करेंगे?ठीक इसी तर्ज पर क्या आप सरकारीकरण के पक्ष में है या खर्चे घटाने के नाम पर निजीकरण के पक्ष में हैं,इस संदर्भ में अपनी स्तिथि जरूर साफ करें?भ्रष्टाचार हर बार भेष बदलकर जनता के सामने आ जाता है,इसे रोकने के लिए आप लोगों की क्या योजनाएँ हैं,कृपा करके बताएँ?इसके अलावा पर्यावरण का मुद्दा अहम है क्योंकि इससे जन-धन पर काफी असरात हो रहा है,इस बारे जरूर बताएं कि आप क्या करने वाले हैं?साथ ही ओपीएस लागू करने,समयबद्ध रूप से बिना रिश्वत के ट्रांसफर बारे बारे आपकी क्या रणनीति है,जरूरत है उसे साफ करने की?साथ ही प्रदेश भर का एक बड़ा तबका है कर्मचारी वर्ग,जिसकी कोई भी नेता,सरकार कम ही सुनती है,सुनती है तो लागू नहीं करती और यदि लागू करती है तो कई ऐसे इफ-बट लगा देती है कि मामला ही कहीं ओर पहुँच जाता है।
अतः आप लोग यह साफ-साफ बताएँ कि प्रदेश भर के कर्मचारियों के प्रति,उनकी मांगों के प्रति क्या रूख होगा?साथ ही सभी पार्टियाँ और नेता यह भी साफ करें कि ये जो फ्री-बीज देने की घोषणाएं कर रहे हैं,उसके लिए बजट की व्यवस्था कहाँ से और कैसे करेंगे?कहीं ऐसा तो नहीं कि फ्री-बीज के नाम पर अंततः बोझ जनता पर ही डालेंगे।इसके अलावा भी बहुत सारी बातें हैं जिन पर हर चुनाव लड़ रहे उम्मीदवार को अपनी बात साफ करनी चाहिए।यह खुला पत्र तमाम राष्ट्रीय पार्टियों,उनके उम्मीदवारों,क्षेत्रीय पार्टियों, उनके उम्मीदवारों,पंजीकृत-अपंजीकृत राजनीतिक दलों और उनके उम्मीदवारों के अलावा तमाम निर्दलीयों के नाम भी है।उम्मीद है कि किसी ना किसी बहाने सब नेता लोग जो कि हमारे माननीय हैं,उपरोक्त मुद्दों पर अपनी राय खुलकर रखेंगे।
कृष्ण कुमार निर्माणस्वतंत्र लेखक और शिक्षाविदकरनाल,हरियाणा