वाराणसी15 अप्रैल : सु्प्रीम कोर्ट के फैसले के बाद केंद्र सरकार वृंदावन में एक हजार विधवाओं के रहने के लिए घर बनवाएगी। इसके लिए 57 करोड़ का बजट रखा गया है। ये घर दिसंबर 2017 तक तैयार हो जाएंगे। वहीं, ललित घाट स्थित विधवा आश्रम में दर्जनों ऐसी विधवाएं हैं जो मोक्ष के इंतजार में काशी वास कर रही हैं।
विधवा और सुहागिन महिला का एक वक्त में कैसे समय बीतता है, इसमें किया कंपेयर
फोटोग्राफर विनय त्रिपाठी ने आर्ट स्टूडेंट राजेश्वरी के साथ मिलकर फोटो एल्बम शूट किया। उन्होंने बताया कि ‘अस्क’ नाम के इस फोटोशूट में एक विधवा महिला और एक सुहागिन महिला में कंपेयर करते हुए बताया गया है कि एक समय में दोनों का जीवन कैसे बीतता। इसमें विधवा महिला के साथ पीली साड़ी में एक महिला का किरदार घूमता है, जो उस विधवा के जीवन का प्रतिबिंब होता है।
हॉलीवुड फिल्म में कर चुके हैं सिनेमैटोग्राफी
विनय ने बताया कि वह हॉलीवुड फिल्म Feast of Varanasi में सिनेमैटोग्राफी कर चुके हैं। ये फिल्म कान फिल्म फेस्टीवल के लिए भी सिलेक्ट हुई है। फिल्म में बनारस के घाट, गंगा और मंदिरों पर बखूबी काम किया गया है। उन्हें बाहर जाकर काम करने के लिए 10 लाख रुपए का ऑफर भी आया था, लेकिन फोटोग्राफी के जरिये चित्रण का उन्हें ज्यादा शौक है इसलिए नहीं गए।
मां की 40 साल पहले शादी की साड़ी से किया शूट
साल 2013 में उन्होंने मां की शादी की साड़ी किराएदार को पहनाकर घाटों पर ‘बोल्ड एंड ब्यूटीफुल’ के नाम से फोटो एल्बम शूट किया। इसे विदेशों में काफी सराहा गया। दरअसल, किरदार में मातृत्व की सौंदर्यता, नारी की खूबसूरती और कल्चर का फ्यूजन था।
राइटर अमीष त्रिपाठी का पोर्टफोलियो कर चुके हैं शूट
उन्होंने बताया कि फोटोग्राफी से उन्हें नफरत थी। पिता सुरेश्वर त्रिपाठी वर्ल्ड लाइफ फोटोग्राफर हैं। वह 1992 में अखबारों में फिल्मों के क्रिटिक लिखा करते थे। बीएचयू से प्राचीन इतिहास से पीजी और इसके बाद एमबीए किया। 14 सालों से कैंसर रिसर्च सेंटर पर काम कर रहे हैं। काशी का सौंदर्य देखकर 2011 में फोटोग्राफी शुरू की। इसके बाद राइटर अमीष त्रिपाठी का पोर्टफोलियो शूट किया। पूरा फोटो शूट 14 देशों में प्रकाशित होने वाले मैग्जीन ‘हैलो’ में छपा।