तिरुअनंतपुरम : मदरसे में बच्चों पर होने वाले शोषण की जानकारी देना एक महिला पत्रकार को भारी पड़ रहा है। जन्नत-ए-इस्लामी मलयालम डेली की सब-एडिटर वी.पी. रजीना ने 21 नवंबर को फेसबुक पोस्ट में दावा किया था कि मदरसे के उस्ताद वहां पढ़ने वाले बच्चों का सेक्सुअल हैरेसमेंट (यौन शोषण) कर रहे हैं। इस पोस्ट को लेकर सैकड़ों लोगों ने रजीना के लिए भद्दी गालियों से भरे कमेंट किए।
फेसबुक ने किया अकाउंट बंद
सूत्रों के मुताबिक रजीना का फेसबुक अकाउंट बुधवार से नॉर्मल वेरिफिकेशन को वजह बताते हुए बंद कर दिया गया है। बताया जा रहा है कि हाल ही में कोझीकोड कॉलेज में लैंगिक भेदभाव के बाद हुए विवाद के मद्देनजर यह कदम उठाया गया है।
रजीना ने क्या बताया था?
रजीना ने मदरसे के उस्तादों पर नाबालिग बच्चों के यौन शोषण का आरोप लगाया था। फेसबुक पोस्ट में ग्राफिक्स के जरिए यह जानकारी दी गई। रजीना ने बताया कि किस तरह मदरसों के उस्ताद पहली क्लास के बच्चों को एक लाइन में खड़ा करके उनके साथ अश्लील हरकतें करते हैं और यह क्लास के हर मासूम बच्चे के साथ किया जाता है। अपनी अगली पोस्ट में रजीना ने चौथी में पढ़ने वाली बच्चियों के साथ रात में चलने वाली क्लासेस में उस्ताद द्वारा किए जाने वाले यौन शोषण की जानकारी दी।