September 30, 2024

दिव्यांग पेंशन की जगह बना दी विधवा पेंशन, दस साल से मिल रही थी पेंशन, रुकी तो अधिकारियों की लापरवाही आई सामने

Faridabad/Alive News : फरीदाबाद समाज कल्याण विभाग के अधिकारियों की लापरवाही नए आयाम कायम कर रही है। अभी तक तो जीवित व्यक्तियों को मृत घोषित कर पेंशन काटने के मामले सामने आ रहे थे, लेकिन शुक्रवार को एक ऐसा मामला सामने आया जिसे सुनकर लोग हैरान हो रहे है। पाली निवासी मोनिका के पति को आज से करीब दस साल पहले विभाग के अधिकारियों ने मृत घोषित कर महिला की विधवा पेंशन शुरू कर दी। जबकि शुरू दिव्यांग पेंशन होनी थी। अधिकारियों की लापरवाही तब सामने आई जब महिला 2021 से रूकी हुई पेंशन शुरू करवाने विभाग पहुंची। अब वह अपने पति धनीराम को जीवित और दिव्यांग पेंशन शुरू करने के लिए गत एक वर्ष से विभाग के चक्कर काट रही है। लेकिन विभाग के अधिकारी न तो मोनिका के पति को कागजों में जीवित कर रहे हैं और न ही दिव्यांग पेंशन देने के लिए राजी हो रहे हैं।

फरीदाबाद में पेंशन की टेंशन दूर नहीं हो रही है। समाज कल्याण विभाग के अधिकारियों की लापरवाही के कारण दस्तावेजों में हुई त्रुटियों ने लोगों की परेशानी बढ़ा दी है। पाली निवासी मोनिका ने बताया कि उन्होंने साल 2010 में दिव्यांग पेंशन के लिए आवेदन किया। 2011 से पेंशन मिलनी शुरू हो गई। लेकिन अचानक साल दिसंबर 2021 में पेंशन मिलनी बंद हो गई। जब महिला समाज कल्याण कार्यालय गई तो पता लगा कि अधिकारियों ने मोनिका के पति धनीराम को मृत घोषित कर विधवा पेंशन शुरू कर दी थी। मोनिका के दोनों पैरों में समस्या होने के कारण वह चल फिर नहीं सकती है। परेशानी के बावजूद अधिकारी बार बार विभाग के चक्कर काटने के लिए मजबूर कर रहे हैं।

पति है मानसिक से बीमार, घर खर्च चलाना हो रहा मुश्किल
मोनिका ने बताया कि उनके पति धनीराम मानसिक रूप से बीमार हैं, काम करने के हालात में नहीं हैं। मोनिका भी दोनों पैरों से दिव्यांग हैं, ऐसे में वह कहीं काम नहीं कर सकती है। मोनिका ने घर में ही सौंदर्य प्रसाधनों की छोटी सी दुकान खोली है। पेंशन के पैसे और दुकान से जैसे तैसे घर का खर्च चल रहा था। मोनिका की 15 वर्षीय बेटी और 13 वर्षीय बेटा है। ऐसे में उनकी पढ़ाई और अन्य खर्च उठाने में परेशानी हो रही है। विभाग से मिल रही पेंशन से मदद हो जाती थी। अब हालात इस कदर खराब है कि महिला पड़ोसियों से पैसे लेकर कार्यालय पहुंच रही है। लेकिन विभाग के अधिकारी इतनी आसानी से महिला के पति को जीवित मानने के लिए तैयार नहीं है। इसके साथ ही दिव्यांग पेंशन शुरू करने के लिए हर बार नए कागज और सर्वर डाउन का बहाना बनाकर घर भेज देते हैं। ऐसे में अधिकारियों की लापरवाही लोगों के लिए मुश्किलें खड़ी करती हुई नजर आ रही है।

क्या कहना है पीड़ित महिला का
पति के जीते जी विधवा बनाकर पेंशन शुरू कर दी, अब न तो दिव्यांग की पेंशन दे रहे हैं और न ही पति को जीवित कर रहे हैं। मेरी माली हालत इतनी खराब है कि कार्यालय आने के लिए किराया भी नही है। सरकार कहती है घर घर जाकर पेंशन बनेगी, लेकिन अधिकारी कार्यालय आने के बाद भी मदद नहीं कर रहे हैं।
मोनिका, पीड़िता।

क्या कहना है जिला उपायुक्त का
संबंधित मामले को लेकर जांच कराई जाएगी, यदि इस प्रकार की कोई लापरवाही है तो उसे दूर किया जाएगा।
-विक्रम सिंह, जिला उपायुक्त फरीदाबाद।