November 15, 2024

क्यों मनाया जाता है प्रवासी भारतीय दिवस, पढ़िए खबर में

हर साल 9 जनवरी को प्रवासी भारतीय दिवस मनाया जाता है। प्रवासी का अर्थ मूल स्थान छोड़ कर दूसरे स्थान पर जा कर बसना या रहना । प्रवासी कहलाता है।

प्रवासी भारतीय दिवस की शुरुआत: प्रवासी दिवस मनाने का इतिहास 1915 से जुड़ा हुआ है भारत के राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ने 9 जनवरी 1915 को दक्षिण अफ्रीका से भारत वापसी की थी। तभी से ही भारतीय स्वतंत्रता संग्राम शुरू हुआ। महात्मा गांधी को प्रवासी के रूप में देखा जाता है। दक्षिण भारत से लौटे महात्मा गांधी ने जब देश की आजादी में अपना सहयोग दिया और वो सफल भी हुआ। तभी से ही यह प्रवासी दिवस मनाया जा रहा है।

सबसे पहले प्रवासी भारतीय दिवस मनाने का फैसला पूर्व प्रधानमंत्री अरुण बिहारी बाजपेई ने वर्ष 2002 में को थी। स्वर्गीय लक्ष्मीमल सिंघवी ने पहली बार प्रवासी भारतीय दिवस मनाने की संकल्पना की थी। उनकी अध्यक्षता में भारत सरकार द्वारा स्थापित भारतीय समिति की सिफारिशों के अनुसार इस दिन को प्रवासी दिवस मनाने का फैसला लिया। जिसके बाद वर्ष 2003 में पहला प्रवासी दिवस मनाया गया।

प्रवासी भारतीय दिवस के उद्देश्य: प्रवासी भारतीय दिवस सम्मेलन आयोजित करने का प्रमुख उद्देश्य प्रवासी भारतीय समुदाय की उपलब्धियों को मंच प्रदान कर उनको दुनिया के सामने लाना है। अप्रवासी भारतीयों की भारत के प्रति सोच, भावना की अभिव्यक्ति, देशवासियों के साथ सकारात्मक बातचीत के लिये एक मंच उपलब्ध कराना। विश्व के सभी देशों में अप्रवासी. भारतीयों का नेटवर्क बनाना। युवा पीढ़ी को अप्रवासियों से जोड़ना। विदेशों में रह रहे भारतीय श्रमजीवियों की कठिनाइयां को जानना तथा उन्हें दूर करने के प्रयास करना। भारत के प्रति अनिवासियों को आकर्षित करना तथा निवेश के अवसरों को बढ़ाना।

प्रवासी भारतीय दिवस के अवसर पर हर बार देश में सरकार की तरफ एक बड़ा समेल्लन आयोजित किया जाता है।
प्रवासी भारतीय दिवस इस बार मध्य प्रदेश के शहर इंदौर में 8 से 10 जनवरी को मनाया जा रहा है। पीएम मोदी 9 जनवरी को प्रवासी भारतीय दिवस समेलन का उद्घाटन करेंगे।