मोहिनी एकादशी के दिन ही भगवान विष्णु ने मोहिनी का वेष धारण किया था ताकि वह असुरों से अमृत कलश लेकर देवताओं को दे सकें। यही कारण है कि इस एकादशी को भगवान विष्णु की पूजा की जाती है।
पंचांग के मुताबिक वैशाख मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि का प्रारंभ 22 मई को सुबह 9.30 बजे से है, जो 23 मई को सुबह 6.40 बजे तक रहेगी। ऐसे में उदयव्यापनी तिथि से ही व्रत रखना उत्तम माना जा रहा है। ऐसी दशा में एकादशी की तिथि सूर्योदय के समय 23 मई को रहेगी, न कि 22 मई को, इसलिए मोहिनी एकादशी का व्रत 23 मई को रखा जाना ज्यादा अच्छा माना जा रहा है। मोहिनी एकादशी कुछ जगहों पर आज यानी 22 मई, शनिवार को मनाई जा रही है। वहीं वैष्णव जनकल्याणी 23 मई को मोहिनी एकादशी का व्रत रखेंगे। क्योंकि उदया तिथि 23 मई की है।
मोहिनी एकादशी पर भक्त आज भगवान विष्णु की पूजा अर्चना कर रहे हैं। शाम को भक्त कथा का पाठ करेंगे। मान्यताओं के अनुसार, मोहिनी एकादशी के दिन ही भगवान विष्णु ने मोहिनी का वेष धारण किया था ताकि वो असुरों से अमृत कलश लेकर देवताओं को दे सकें। यही कारण है कि यह एकादशी भगवान विष्णु को समर्पित मानी जाती है।