युवा जोड़े शादी से पहले कर सकते है सेक्स नहीं है मनाही
Alive News/ 10 April 2016
रायपुर : छत्तीसगढ़ देश का सबसे ज्यादा आदिवासी कम्युनिटीज वाला स्टेट हैं। यहां बसने वाले आदिवासी कम्युनिटीज की अपनी कल्चर, मान्यताएं और परंपराएं हैं। इन्हीं में से एक है बैगा आदिवासी समाज। जहां परिवार में किसी मेंबर की मौत के बाद अपने घर-मकान को तोड़कर दूसरी जगह नया मकान बनाने, एक लोटा गर्म पानी डालकर लड़कियों को पवित्र बनाने जैसी कई दिलचस्प प्रथाएं हैं। जानिए बैगा आदिवासियों से जुड़ी सुनी-अनसुनी बातें…
– छत्तीसगढ़ के बस्तर में रहने वाले बैगा जनजाति दूसरी जनजातियों और समुदाय के लोगों से ज्यादा मिलना-जुलना पसंद नहीं करते हैं। ये जनजाति अलग-थलग ही रहना पसंद करती है।
– ये समाज अपनी अनोखी परंपराओं के कारण जाना जाता है। बैगा अपने परिवार में किसी की मौत के बाद अपना घर छोड़ देते हैं। इसके बाद ये लोग अपने लिए कहीं और नया घर बनाने नई जगह तलाशते हैं।
– बैगा नाम की यह जनजाति नई जगह और नए घर में एक बार फिर से अपनी दुनिया बसाते हैं और नए सिरे से जिंदगी की शुरुआत करते हैं। बैगा जनजाति मुख्य रूप से मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ के जंगलों में रहती है।
कुल देवता को लेकर ये है मान्यता…
– बैगाओं की मान्यता है कि परिवार के किसी भी व्यक्ति की मौत होने के पीछे कुल देवता का नाराज होना है। आगे जाकर कुल देवता की नाराजगी परिवार के किसी दूसरे मैंबर को न झेलना पड़े, इसलिए यह जनजाति पुराने मकान में रहना छोड़कर दूसरा ठिकाना तलाशती है।
– दक्षिण बस्तर के कटेकल्याण क्षेत्र के अलावा पखनार, बास्तानार, अलनार, छिंदबहार, तथा चंद्रगिरी आदि इलाकों में रहने वाले आदिवासियों में यह अजीबो-गरीब परंपरा कई सालों से चली आ रही हैं।
गर्म पानी डालकर करते हैं लड़की को पवित्र…
– बैगा समाज में महिलाओं को बहुत सम्मान दिया जाता है। लड़के-लड़कियों को प्रेम विवाह की आजादी दी जाती है।
– लड़कियां खुद अपना जीवनसाथी चुनती हैं। इनमें शादी से पहले संबंध बनाने पर रोक नहीं है।
– शारीरिक संबंध बनाने की बात माता-पिता या पंचों को पता चलती है, इसके बाद शादी कर दी जाती है।
– इस जनजाति की लड़की अगर दूसरा विवाह करना चाहे, तो उस पर एक लोटा गर्म पानी डालकर पवित्र कर दिया जाता है।
– लड़कियां अपने पसंद के लड़के के घर में जाकर उससे शादी करने की बात भी बता सकती हैं। इनमें पूर्णविवाह और विधवा विवाह भी आम है।
– बैगा समाज में बहुपत्नी रखने का रिवाज है। लड़की अपनी मर्जी से दूसरा विवाह कर सकती है।
– विधवा विवाह में देवर का पहला अधिकार होता है, लेकिन अगर विधवा किसी और के नाम की चूड़ी पहने तो पहन सकती है।
सबसे अनोखा है पैठुल विवाह…
– शादी करने के लिए कुंवारी लड़की अपनी इच्छा से लड़के को उसके घर जाकर पसंद कर सकती है।
– जब लड़की लड़के के ऊपर हल्दी, चावल डालती है तो इसका मतलब लड़की ने लड़के को पसंद कर लिया है।
– लड़के का पिता गांव के प्रमुख लोगों को बुलाकर इस बात की जानकारी देता है कि लड़की हमारे घर में पैठुल हो गई।
– इसके बाद लड़की को बुलाकर उसकी इच्छा पूछी जाती है। लड़की के जेवरों की जांच की जाती है कि वह कितने जेवर पहनकर आई है।
– फिर उसके बाद घर के आंगन में मंडप गड़ाया जाता है और तुरंत भांवर कर दी जाती है। बाद में लड़की के घर खबर भेज दी जाती है कि उनकी लड़की हमारे घर पैठुल हो गई।
– लड़की का पिता अपने रिश्तेदारों के साथ लड़के वालों के घर पहुंचता है, वहां शादी की तारीख तय की जाती है।
– इस शादी में लड़की वाला लड़के वाले से तीन-चार सौ रुपए खर्च वसूलता है। यदि लड़के का पिता खर्च नहीं देता है, तो लड़के को अपने ससुर के घऱ तीन साल तक रहना पड़ता है। यदि लड़के वाला पैसा दे देता है, तो विवाह बड़ी धूमधाम से हो जाता है।
इसलिए शुरू हुआ था गुदना
-शहरों में टैटू को सुंदरता बढ़ाने के लिए या फैशन के लिए बनवाया जाता है, लेकिन बैगा आदिवासियों के लिए इसका संबंध उनकी आत्मा से होता है।
– 12 से 20 साल की बैगा लड़कियों के लिए यह गुदने की अनिवार्य प्रथा होती है। जंग लगी सुई के एक गुच्छे से बहुत ही दर्दनाक तरीके से शरीर पर गुदना (टैटू) गोदा जाता है।
– लड़कियों के प्राइवेट पार्ट छोड़कर शरीर के पूरे हिस्सों में गुदना गोदा जाता है। लड़की को दर्द को किसी तरह से बर्दाश्त करने की सलाह बुजुर्ग महिलाएं देती हैं।