Faridabad/Alive News : संयुक्त आंदोलन के संयोजक शैलेन्द्र सिंह ने कहा है कि बैलगाड़ी को पिछड़ेपन के प्रतीक के रूप में पेश करने का मतलब गांव, गरीब, किसान और मजदूर का अपमान है।
अक्सर मंहगाई व पेट्रोल डीजल के दाम बढऩे के विरोध में शहरों में जब तथाकथित विकास पसंद शहरी पार्टियों के नेताओं के द्वारा विरोध प्रदर्शन किया जाता है तो अमीरों के हितैषी अमीर नेता बैलगाड़ी पर सवार होकर दर्शाते हैं कि देखो अगर ऐसा ही हाल रहा तो बैलगाड़ी पर चलना पड़ सकता है। यानि कारें नहीं चल सकेंगी। कारें विकास का प्रतीक हैं और बैलगाड़ी विनाश का।
उन्होंने कहा कि बैलगाडी खुशहाली की गांरटी है। बैलगाडी उस भोजन को शहरों तक पहुंचाने व पैदा करने में मददगार है जिसे वह खाकर जीवन जीता है। बैलगाडी का अपमान बंद होना चाहिए। नेता किसी गरीब की बैलगाडी मांगकर लाते है और प्रदर्शन करते हैं ताकि उसका अपमान किया जा सके।