New Delhi/Alive News : कोरोना वायरस से गर्भवती को खतरे को भांपकर विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने गर्भवती महिलाओं को टीका लगाने की सिफारिश की है। संगठन ने कहा है कि जो गर्भवती कोरोना की चपेट में आ गई है या जिसे संक्रमण के बाद गंभीर स्थिति में जाने का खतरा है उसे प्राथमिकता के आधार पर टीका लगाया जा सकता है।
डब्ल्यूूएचओ ने कहा है कि गर्भवती और स्तनपान करा रही महिलाओं पर टीके का परीक्षण नहीं हुआ है। पशुओं पर परीक्षण में ये जरूर पता चला है कि गर्भावस्था के दौरान टीके का कोई दुष्प्रभाव देखने को नहीं मिला है। टीके का शुरुआती प्रभाव जानने पर काम चल रहा है। डब्ल्यूएचओ ने कहा है कि गर्भवती को टीका लगने के बाद उसके और उसके बच्चे पर कोई प्रभाव न पड़े इसके लिए निगरानी जरूरी है। हालांकि दुनिया के कुछ देश गर्भवती को टीका लगा रहे हैं लेकिन भारत में अभी परीक्षण की कोई सटीक जानकारी न होने के कारण टीकाकरण पर फैसला नहीं हो सका है। एजेंसी।
गर्भवती को प्राथमिकता से लगे टीका
स्त्री रोग विशेषज्ञों का कहना है कि गर्भावस्था के दौरान महिला की रोग प्रतिरोधक क्षमता काफी कमजोर होती है। ऐसे में संक्रमण होने पर उसे खतरा अधिक है। इस आधार पर प्राथमिकता के साथ गर्भवती को टीका लगाया जाना चाहिए। डॉक्टरों का कहना है कि टीका सुरक्षित है तो इससे जच्चा-बच्चा के स्वास्थ्य को नुकसान होने का भी खतरा कम है। कुछ शर्तों के साथ टीकाकरण शुरू किया जा सकता है।
मॉडर्ना और फाइजर का परीक्षण
अमेरिका में मॉडर्ना और फाइजर के टीके का गर्भवती पर परीक्षण हुआ है। शुरुआती परीक्षण में किसी तरह का कोई दुष्प्रभाव देखने को नहीं मिला है। विशेषज्ञों का कहना है कि देश में सभी गर्भवती को मॉडर्ना और फाइजर का टीका लगाना संभव नहीं होगा। ऐसी स्थिति में कोविशील्ड और कोवाक्सिन के टीके पर भी विचार करना होगा।