Poonam Chauhan/Alive News
Faridabad: कोरोनाकाल के कारण बच्चे पिछले 2 साल से घरों में कैद थे। बाहरी आबोहवा से उनका कनेक्शन नहीं के बराबर रहा, जिससे उनकी इम्यूनिटी कमजोर रही। अब अचानक स्कूल खुलने के कारण बच्चे 2 साल बाद घरों से निकले हैं ऊपर से गर्मी का टॉर्चर भी अपने हाई लेवल पर है तो ऐसे में मासूम बच्चे बाहरी वातावरण को झेल नहीं पा रहे और ज्यादा बीमार होकर अस्पताल पहुंच रहे हैं। शहर में जारी भीषण गर्मी ने इनकी परेशानी और बढ़ा दी है।
आस्था हॉस्पिटल के डॉ राकेश शर्मा ने बताया कि एक तो बच्चों की इम्युनिटी वीक ऊपर से गर्मी बच्चों के लिए खतरनाक साबित हो सकती है। पिछले 2 साल में इन दिनों में अगर 8 से 9 बच्चे इलाज के लिए आ रहे थे, तो अभी यह संख्या 30 से 40 तक पहुंच जा रही है। कई बच्चों को सांस लेने में दिक्कत हो रही है इसलिए उन्हें एडमिट करना पड़ रहा है। डॉ राकेश शर्मा ने कहा कि दरअसल बीमारी के खिलाफ इम्यूनिटी एक्स्पोज़र से मिलती है ना कि कुछ खाने-पीने से। ऐसे में बच्चों की अधिक देखभाल करने की आवश्यकता है।

बढ़े वायरल इंफेक्शन के केस
डॉक्टर ने कहा कि पिछले कुछ दिनों से वायरल इंफेक्शन के मरीज 4 गुना बढ़ गए हैं। कुछ बच्चे वायरल फीवर, कफ-कोल्ड के साथ ब्रीदिंग की समस्या से पहुंच रहे हैं। वहीं कुछ बच्चे एलर्जी से बीमार पड़ रहे हैं। ऐसे में बच्चों को फीवर नहीं है लेकिन उन्हें एलर्जी की वजह से कफ और कोल्ड की दिक्कत हो रही है। इस मौसम में बच्चों को फीवर व लुजमोशन हो रहा है। अगर, चार-पांच दिन बाद भी फीवर कम नहीं हो रहा तो ऐसे में टाइफाइड पाया जा रहा है।
गर्मी औऱ ड्राई हीट से परेशानी
बहुत दिनों बाद जो बाहर निकल रहे हैं वह इसके शिकार हो रहे हैं। दूसरा तापमान में बदलाव है दिल्ली-एनसीआर में तापमान 42 से 44 डिग्री तक पहुंच गया है। धूल बहुत उड़ रही है, घर से बाहर निकलने वाले बच्चों को एलर्जी और सांस में दिक्कत हो रही है। वही दूसरी वजह डिहाइड्रेशन की है। बच्चे ज्यादा पानी नहीं पीते जिससे डिहाइड्रेशन का शिकार हो रहे हैं, जिससे बच्चों में पेट दर्द वोमीटिंग और लूज मोशन हो रहा है।

क्या कहना है सीएमओ का
लोग दोपहर के समय घर से बाहर निकलना अवॉइड करें। अगर घर से बाहर जा रहे हैं तो पानी की बोतल साथ लेकर जाएं। धूप से बचें, टाइट नहीं लूज कपड़ों का इस्तेमाल करें और काले कपड़े ना पहने। पानी, नींबू-पानी और शिकंजी का इस्तेमाल करें पर घर पर बनाकर करें बाहर से ना ले।
-डॉ. विनय गुप्ता, सीएमओ, बादशाह खान अस्पताल।