May 13, 2024

रामनवमी यज्ञ महोत्सव के अवसर पर निकाली विशाल शोभा-यात्रा

Faridabad/ Alive News: भूपानी स्थित सतयुग दर्शन में वार्षिक महोत्सव के अवसर पर रामनवमी यज्ञ बड़े हर्षोल्लास से किया गया। जिसके बाद शोभा-यात्रा निकली। शोभा यात्रा समभाव-समदृष्टि के स्कूल “ध्यान-कक्ष”में पहुँची। पदाधिकारियों ने कहा समय की गति को देखते हुए, इस बार इस यज्ञ-उत्सव के दौरान ब्रह्मांडकहो या विश्व की मायावी रचना का वास्तविक आधार ब्रह्म , सतवस्तु के कुदरती ग्रन्थ अनुसार उसके प्रति मुक्कमल बातचीत का सिलसिला चलेगा।

इस प्रयास द्वारा हर जन को ब्रह्म विद्या ग्रहण करने की विधिवत् युक्ति से भी, परिपूर्णत परिचित कराया जाएगा ताकि वह अपने यथार्थ आत्मस्वरूप को पहचान, जगत में निर्लिप्तता से विचरने के योग्य बनने हेतु, अपने ख़्याल यानि सुरत का नाता ध्यानपूर्वक शब्द ब्रह्म के साथ अखंडता से जोड़े रख, स्वयंमेव आत्मिक ज्ञान प्राप्त करने में सक्षम बनें और जीवन में जो भी करे वे सब वेद-विहित् कर्म ही करे।

उन्होने कहा कि मानो हम में से जो भी सजन सहर्ष ऐसा पुरुषार्थ दिखाएगा, केवल उसी के मन में सत्यता का प्रतीक आत्मभाव स्थापित हो पाएगा और वह हिम्मतवान निष्पाप जीवन जीते हुए अंत अपने जन्म की बाज़ी जीत अक्षय यश कीर्ति को प्राप्त हो पाएगा। सब में बड़ी, उत्कृष्ठ, सर्वश्रेष्ठ, प्रधान, आद् परम तथा नित्य चेतनसत्ता है जो जगत का मूल कारण और सत-चित्त-आनंदस्वरूप मानी गई है तथा जिससे बढ़कर व जिसके ऊपरआगे या अधिक कोई अन्य सत्ता अथवा शक्ति नही।

इस संदर्भ में ज्ञात हो कि जहाँ जगत के कर्ता तथा परिचालक सगुण ब्रह्म को परमेश्वर के नाम से जाना जाता है, वही जगत से परे निर्गुण और निरूपाधि परब्रह्म को परमात्मा कहा जाता है। वेदशास्त्रों के अनुसार ब्रह्म ही इस दृश्यमान संसार का निमित्त और उपादान कारण है व इसके अतिरिक्त और जो कुछ प्रतीत होता है वह सब असत्य और मिथ्या है।

यह ब्रह्म का तटस्थ यानि निरपेक्ष लक्षण है तथा ब्रह्म सच्चिदानन्द अखण्ड, नित्य, निर्गुण, अद्वितीय इत्यादि है, यह उसका स्वरूप लक्षण है। इस आधार पर यह जगत वास्तव में ब्रह्मका परिणाम या विकार नहीं अपितु विवर्त है यानि मिथ्या या भ्रम रूप है। अत: मान लो कि ब्रह्म के अतिरिक्त और कुछ सत्य नहीं है तथा जो कुछ दिखाई पड़ता है, उसकी पारमार्थिक सत्ता नहीं है।