Faridabad/Alive News : विद्यासागर इंटरनेशनल स्कूल का 7वां स्थापना दिवस धूमधाम से मनाया गया। इस अवसर पर मुख्यातिथि के रूप में रणधीर सिंह चौहान, हिन्दी प्रवक्ता तथा योग प्रचारक ने कहा कि विद्यासागर स्कूल शिक्षा के क्षेत्र में सराहनीय कार्य कर समाज को एक नई दिशा देने का कार्य कर रहा है। स्कूल सिर्फ विद्यार्थियों को शिक्षित करने तक ही सीमित नहीं रहना चाहता बल्कि उन्हें समाज और राष्ट्र के प्रति जिम्मेदार भी बनाना चाहता है। फाउंडेशन-डे का शुभारंभ मुख्यातिथि चौहान और स्कूल के चेयरमैन धर्मपाल यादव ने दीप प्रज्ज्वलित करके किया।
इस अवसर पर विद्यार्थियों ने अनेक सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किए। छात्रों को संबोधित करते हुए स्कूल के चेयरमैन धर्मपाल यादव ने कहा कि बेहतर शिक्षा सभी के जीवन में आगे बढऩे और सफलता प्राप्त करने के लिए बहुत आवश्यक है। यह आत्मविश्वास विकसित करती है और एक व्यक्ति के व्यक्तित्व के निर्माण में मदद करती है। स्कूली शिक्षा सभी के जीवन में महान भूमिका निभाती है। पूरे शिक्षा तंत्र को तीन भागों में बांटा गया है जैसे, प्राथमिक शिक्षा, माध्यमिक शिक्षा और उच्च माध्यमिक शिक्षा। सभी शिक्षा के भाग अपना एक विशेष महत्व और लाभ रखते हैं। प्राथमिक शिक्षा विद्यार्थियों को आधार प्रदान करती है, जो जीवनभर मदद करती है, माध्यमिक शिक्षा आगे की पढ़ाई का रास्ता है और उच्च माध्यमिक शिक्षा पूरे जीवन में, भविष्य में आगे बढऩे का रास्ता है।
अपने संबोधन में स्कूल के डॉयरेक्टर दीपक यादव ने कहा कि सभी के लिए शिक्षा प्राप्त करना बहुत आवश्यक है। उचित शिक्षा भविष्य में आगे बढऩे के लिए बहुत से रास्तों का निर्माण करती है। यह हमारे ज्ञान के स्तर, तकनीकी कौशल और सफलता प्राप्त करने के साथ-साथ हमें सामाजिक, मानसिक और बौद्धिक रुप से मजबूत बनाती है। शिक्षा की गुणवत्ता पर स्कूल बेहतर ध्यान देता है। साथ ही, वो विद्यार्थी जो अन्य क्षेत्रों में दिलचस्पी रखते हैं जैसे खेल, स्पोर्ट्स, नृत्य, संगीत।
उनके लिए भी स्कूल में विशेष सुविधाएं रखी गई हैं ताकि छात्र इन क्षेत्रों में भी सफलता हासिल कर सकें। पूरी शिक्षण प्रक्रिया के दौरान प्राप्त किया गया ज्ञान हम सभी और प्रत्येक व्यक्ति को अपने जीवन के प्रति आत्मनिर्भर बनाता है। यह जीवन में बेहतर संभावनाओं को प्राप्त करने के अवसरों के लिए विभिन्न दरवाजे खोलती है जिससे कैरियर के विकास को बढ़ावा मिले। इस अवसर पर अभिभावक, स्कूल स्टॉफ एवं अन्य गणमान्य व्यक्ति मौजूद थे।