November 18, 2024

वैक्सीन की किल्लत: कंपनियों ने राज्यों को सप्लाई से किया इनकार, कई टीकाकरण केंद्र बंद

New Delhi/Alive News: देशभर में कोरोना वायरस से मरने वालों की संख्या तीन लाख को पार कर गई है। रोज आने वाले कोरोना मामलों की संख्या भले ही थोड़ी कम हुई हो लेकिन मौतें में कमी आती नहीं दिख रही है। ऐसे में एकमात्र कारगर हथियार टीकाकरण है, लेकिन देश में उसको भी लेकर दिक्कतें नजर आ रही हैं, केंद्र से राज्यों की शिकायत पर्याप्त मात्रा में वैक्सीन को लेकर है। सीएम केजरीवाल ने 22 मई को ट्वीट कर कहा कि वैक्सीन खत्म होने के कारण वैक्सीनेशन सेंटर बंद करना पड़ रहा है। दिल्ली सरकार के मुताबिक मई महीने में दिल्ली को केवल 16 लाख वैक्सीन मिलीं।जून के महीने में केंद्र सरकार दिल्ली को इसकी भी आधी यानी केवल 8 लाख वैक्सीन ही देगी।

वैक्सीन कंपनियों ने राज्यों को सप्लाई से किया इनकार
जानकारी के मुताबिक कोरोना का टीका बनाने वाली अमेरिकी कंपनियां फाइजर और मॉडर्ना सीधे केंद्र सरकार को अपना टीका देंगी। फाइजर ने सेामवार को कहा, देश में टीकाकरण अभियान का संचालन उनका अंदरूनी मामला है। हम इसमें राज्य सरकारों के साथ कोई लेनदेन नहीं करेंगे। फाइजर सीधे केंद्र सरकार को टीका देगी। वहीं तेलंगाना और पंजाब को मना करने के बाद मॉडर्ना ने दिल्ली को भी टीका देने से इनकार कर दिया।

अब वैक्सीनेशन को जारी रखने के लिए दिल्ली, यूपी, महाराष्ट्र, केरल, तमिलनाडु समेत कई राज्यों ने ग्लोबल टेंडर निकाल दिया। अखबारों में टेंडर छप भी गए लेकिन इस कवायद का भी कोई फायदा होते नहीं दिख रहा है। इस बीच राज्यों के लिए विदेशी कंपनियों से झटके पर झटके लग रहे हैं। जानकारी के मुताबिक पंजाब की तरफ से कहा गया है कि कोविड-19 वैक्सीन की कमी की वजह से पिछले तीन दिनों से फेज 1 और फेज 2 का वैक्सीनेशन रोका गया है और अब वैक्सीन निर्माता कंपनी मॉडर्ना ने कोविड वैक्सीन की सप्लाई करने से इनकार कर दिया है। कंपनी का कहना है कि वो सिर्फ केंद्र सरकार से ही डील करेगी।

महाराष्ट्र ने पांच करोड़ वैक्सीन डोज के लिए ग्लोबल टेंडर निकाला है, जिसकी आखिरी तारीख 26 मई है। राज्य की तरफ से स्पुतनिक को लिखे गए मेल का अब तक जवाब नहीं आया है। अब भी मॉडर्ना, फाइजर, जॉनसन एंड जॉनसन जैसी कंपनियों से बातचीत करने की कोशिश की जा रही है। इस बीच बीएमसी को तीन आवेदन जरूर मिले हैं लेकिन किसी भी कंपनी ने वैक्सीन मैन्युफेक्चरर से जुड़े दस्तावेज नहीं दिखाए हैं।

उत्तर प्रदेश चार करोड़ डोज के लिए ग्लोबल टेंडर निकाले गए थे। ज्यादा से ज्यादा कंपनियां शामिल हो सकें इसलिए नियमों ढील दी गई, जैसे निविदा राशि को भी घटाकर 16 करोड़ से 8 करोड़ कर दिया गया। किस तापमान पर वैक्सीन स्टोर होनी चाहिए, इसमें भी ढील दी गई हैं। अब टेक्निकल बिड को 31 मई तक बढ़ा दिया गया है। इसी तरह तमिलनाडु में 3.5 करोड़ वैक्सीन के लिए टेंडर जारी किया गया था। आवेदन की आखिरी तारीख 5 जून है, कर्नाटक में 24 मई है। 18-44 आयुवर्ग के लोगों के वैक्सीनेशन की जरूरतों को पूरा करने के लिए कई दूसरे राज्य भी ग्लोबल टेंडर के बारे में सोच रहे हैं, लेकिन अभी इसके नतीजों के बारे में पुख्ता तौर पर कुछ कहा नहीं जा सकता।
 
इस बीच वैक्सीनेशन कुछ जगहों पर रुकने और वैक्सीनेशन ड्राइव में देरी कोरोना संक्रमण को और भी घातक बना सकती है। उधर दूसरी लहर खत्म होने से पहले ही एक्सपर्ट तीसरी लहर की चेतावनी दे रहे हैं। वैक्सीन की कमी से जूझ रहे देश को एसबीआई ईकोरैप की रिपोर्ट में सुझाव दिया गया है कि भारत को वैक्सीन खरीद के लिए यूरोपीय संघ के मॉडल का पालन करना चाहिए। यूरोपीय संघ आयोग एक संयुक्त वार्ता दल के साथ संयुक्त रूप से वैक्सीन आपूर्तिकर्ताओं के साथ बातचीत करता है।