एलपीजी सब्सिडी खत्म कर हर महीने इसकी कीमतों में इजाफा करने के मोदी सरकार के फैसले पर मंगलवार को संसद में जमकर हंगामा हुआ. विपक्षी दलों ने इस मामले को लेकर सरकार को घेरा. हंगामे के कारण राज्यसभा की कार्यवाही स्थगित करनी पड़ी.
पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा- 2010 में एक मंत्रिसमूह बनी थी जिसके अध्यक्ष प्रणब मुखर्जी थे. इस समिति में शरद पवार, ममता बनर्जी, मुरली देवड़ा, जैसे लोग थे. इस समिति ने फैसला किया था कि धीरे-धीरे गैस की सब्सिडी कम की जाएगी और उनके दाम बढाए जाएंगे. पहले देश में 14 करोड़ सिलेंडर थे बढ़कर 22 करोड़ हो गए हैं. अब पेट्रोल और डीजल की कीमतें रोज तय होती हैं. उज्ज्वला योजना में हम सब्सिडी लगातार दे रहे हैं. सब्सिडी गरीबों के लिए है ना कि अमीरों के लिए.
क्या किया था सरकार ने फैसला
गौरतलब है कि केन्द्र सरकार ने अपनी तेल कंपनियों से कहा है कि वह रसोई गैस सिलेंडर की कीमत में प्रति माह 4 रुपये की बढ़ोत्तरी करना शुरू कर दे. ऐसा तेल कंपनियों को तब तक करना है जबतक रसोई गैस सिलेंडर (एलपीजी) पर सरकार द्वारा दी जा रही सब्सिडी पूरी तरह से खत्म न हो जाए. अभी केन्द्र सरकार 14.2 किलो के एलपीजी सिलेंडर पर लगभग 87 रुपये की सब्सिडी देती है. यह कदम पेट्रोल, डीजल समेत सभी तेल उत्पाद से सरकारी सब्सिडी को खत्म करने के लिए उठाया गया है.
रसोई गैस के लिए केन्द्र सरकार ने गिव इट अप कैम्पेन चलाते हुए तेल कंपनियों को पहले ही 2 रुपये प्रति माह कीमतों में इजाफा करने की मंजूरी दे दी थी. अब केन्द्र सरकार ने रसोईं गैस की सब्सिडी के बोझ को कम करने की रफ्तार दो गुनी कर दी है.
गुजरात के विधायकों का मुद्दा भी उठा
मानसून सत्र के दौरान राज्यसभा में गुजरात के विधायकों के मुद्दे पर पिछले दो दिन से हंगामा जारी है. मंगलवार को भी कांग्रेस नेता आनंद शर्मा ने गुजरात में राज्यसभा चुनाव और विधायकों की खरीदफरोख्त का आरोप लगाया और राज्यसभा में ये मुद्दा उठाने की कोशिश की.
सोमवार को भी उठा था मसला
सोमवार को भी राज्यसभा में हंगामे से शुरुआत हुई. राज्यसभा में गुजरात के कांग्रेस विधायकों के इस्तीफे का मसला उठा, जिस पर जमकर हंगामा हुआ. कांग्रेस ने सदन में गुजरात में कथित तौर पर पुलिस द्वारा विधायकों के अपहरण का मामला उठाया. कांग्रेस ने राज्यसभा में व्हिप जारी किया था. कांग्रेस ने अपने सभी सांसदों को उपस्थित रहने को कहा था. लोकसभा में भी गुजरात के विधायकों का मसला उठा.
मधुसूदन मिस्त्री ने राज्यसभा में गुजरात में राज्यसभा चुनाव का मामला उठाया. उप सभापति ने कहा कि मामला पहले ही उठाया जा चुका है और दोबारा इसके अनुमति नहीं दी जा सकती. इसके बाद कांग्रेस के सांसद नारे लगाते हुए वेल में आ गए और हंगामा किया.
लोकसभा में लिंचिंग पर बहस
इसके अलावा लोकसभा में कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि किसी की हत्या करके उसको मारना ठीक नहीं है, उसका खंडन करता हूं. इस देश में सरकार है या नहीं कानून व्यवस्था की स्थिति है या नहीं, यह समस्या लोगों के सामने है. गो हत्या को लेकर जगह कानून बन चुके हैं लेकिन फिर भी ऐसी घटनाएं क्यों हो रही है इसके पीछे कौन है इसका खुलासा होना चाहिए.
हुकुमदेव ने दिया जवाब
मॉब लिंचिंग के मुद्दे पर बीजेपी की ओर से जवाब देते हुए सांसद हुकुमदेव सिंह ने कहा कि इस घटनाओं को लेकर केंद्र सरकार अपनी फोर्स नहीं भेज सकती है, ये राज्य का मसला है. हमनें कश्मीर में फोर्स भेजी है. कुछ लोग इस तरह की घटनाओं से केंद्र सरकार को बदनाम कर रहे हैं, ऐसे लोगों को ‘कालनेमी’ कहा जाता है. आपको किसी की नियत पर शक नहीं करना चाहिए.