Faridabad/Alive News : हरियाणा के महामहिम राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय ने कहा कि हरियाणा सरकार विद्यार्थियों के लिए गुणवत्तापूर्ण शिक्षा देकर महत्वपूर्ण कार्य कर कर रही है। नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के अनुसार विद्यार्थियों को हुनरमंद हुनर के अनुसार शिक्षा देने का काम सरकार द्वारा किया जा रहा है। बच्चे बड़े होकर अपने हुनर के क्षेत्र में काम करेंगे और उसका बेहतर क्रियान्वयन करेंगें। यह सरकार की नई शिक्षा नीति का ही बेहतर परिणाम होगा। जिससे इस शिक्षा नीति के बेहतर क्रियान्वयन से राष्ट्र के विकसित निर्माण करने में विद्यार्थियों का अहम योगदान होगा। जिस बच्चे की अच्छी कौशल विकसित होगी तो वह उसका व्यक्तित्व भी बढ़ेगा और वह आत्मनिर्भर भी होगा।
महामहिम राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय आज मंगलवार को स्थानीय सूरजकुंड के ताज विवांता होटल में सरकार द्वारा जारी हिदायतों के अनुसार आजादी के अमृत महोत्सव की श्रृंखला में प्राइड आफ इंडिया अवार्ड -2022 के कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि शिरकत कर हरियाणा एजुकेशन क्लब द्वारा आयोजित कार्यक्रम में उपस्थित लोगों को सम्बोधित कर रहे थे। यह कार्यक्रम हरियाणा एजुकेशन क्लब द्वारा आयोजित किया गया।
महामहिम राज्यपाल श्री बंडारू दत्तात्रेय ने कहा कि देश की शिक्षा नीति के बेहतर क्रियान्वयन से टेक्नोलॉजी में और भी बहुत बढ़ोतरी होगी। हमारा देश विश्व के अन्य देशों के मुकाबले टेक्नोलॉजी में बहुत आगे बढ़ चुका है। नई नई टेक्नोलॉजी का विद्यार्थी क्रियान्वित कर रहे हैं। हमारे देश के लगभग 8 से 10 करोड़ लोग विदेशों में अच्छे-अच्छे पदों पर नौकरियां कर रहे हैं। अमेरिका जैसे देश में आईटी क्षेत्र में भारत के लोग बेहतर कार्य करें हैं। इससे बड़ी बात और हमारे लिए क्या हो सकती है।
आजादी के अमृतकाल में आयोजित प्राइड ऑफ इंडिया समारोह शिक्षक, छात्रों और अभिभावकगण के बीच समन्वय बनाने में कारगर सिद्ध होगा। महामहिम राज्यपाल श्री बंडारू दत्तात्रेय ने कहा कि मुझे यह कहते हुए खुशी हो रही है कि नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति – 2020 में मूल्य आधारित शिक्षा,रोजगार ही कुल कौशल व व्यावसायिक शिक्षा तथा बच्चों के समग्र विकास पर जोर दिया गया है। नई शिक्षा नीति में यह भी प्रावधान किया गया है कि बच्चों को प्राइमरी व उच्च शिक्षा से ही उनकी रूचि अनुसार कौशल शिक्षा दी जाए ताकि ये बच्चे बड़े होकर स्टार्ट-अप के क्षेत्र में काम करें। महामहिम राज्यपाल ने कहा कि यहां स्पष्ट कर दूं कि स्वास्थ्य और शिक्षा पैसे कमाने के लिए नहीं हैं। ये मानव संसाधन विकास के दो महत्वपूर्ण स्तंभ हैं, जिनसे न तो समझौता किया जा सकता है और न ही व्यापार किया जा सकता है।