November 6, 2024

नई शिक्षा नीति के तहत अब स्कूली छात्र होंगे भारत की संस्कृति और पांरपरिक खेलों से रूबरू

New Delhi/Alive News : केंद्र सरकार ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत स्कूली छात्रों को भारत की सांस्कृतिक विरासत के साथ पांरपरिक खेलों से जोड़ने का फैसला लिया है। सरकार के अनुसार स्कूली छात्र अब भारत की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत को भी जानेगे। भारतीय ज्ञान प्रणाली ने इसका पूरा खाका तैयार कर लिया है।

मिली जानकारी के अनुसार छात्र को भारत की चित्रकला, लोकनृत्य, लोककला शैली आदि के बारे सीखने का मौका मिलेगा। इसके अलावा हफ्ते में एक से दो क्लास अब चित्रकला, लोकनृत्य, लोककला शैली की होगी। इसके अलावा हर महीने एक स्थानीय कलाकार स्कूल का दौरा करेंगे।

केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय, संस्कृति मंत्रालय, अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद ने संयुक्त रूप से कलाशाला योजना शुरू की है। इसके तहत साढ़े सात सौ स्कूल इसमें सहयोग कर रहे हैं। इसका मकसद लोकल आर्ट को प्रमोट करना है, ताकि छात्र भारत की समृद्ध सांस्कृतिक विरातस को जान सकें। बच्चों को पांरपरिक खेलों से जोड़ने के लिए स्थानीय व मौसमी 101 खेलों की सूची तैयार की गई है। वहीं हफ्ते में एक से दो क्लास में छात्रों को स्थानीय कलाओं की जानकारी मिलेगी।

देशभर के राज्यों में पांरपरिक खेल होते हैं, जोकि मौसम पर आधारित होते हैं। इन्हीं से 101 खेलों को चयनित किया गया है। इसमें गिल्ली डंडा, राजा मंत्री चोर सिपाही, पोशम पा, यूबी लक्पी, कब्बडी, कंचे, लंगड़ी (हॉप्सकॉच), भाला फेंक, पतंग उदयन (पतंग उड़ाना), सीता उद्धर (कैदी का आधार), मर्दानी खेल (मार्शल आर्ट का रूप), विश अमृत आदि प्रमुख है।