Faridabad/Alive News: सेक्टर-16 स्थित जिला शिक्षा कार्यालय में पिछले आठ महीनों से दो कमरे बंद पड़े है। एक कमरा जिला परियोजना समन्वयक (डीपीसी) कार्यालय से लगता हुआ है जबकि दूसरा कमरा डीपीसी कार्यालय के ठीक पीछे है। जो पिछले आठ महीनों से बंद पड़े है। जब अलाईव न्यूज संवादाता इन बंद पड़े कमरों की पड़ताल करने डीपीसी कार्यालय सेक्टर-16 पहुंचे तो डीपीसी अधिकारी ने बड़े ही अटपटें जवाब दिए। डीपीसी अधिकारी ने डीपीसी कार्यालय में बंद पड़े कमरों को खोलने का अधिकार क्षेत्र जिला शिक्षा अधिकारी को बताया। वहीं जिला शिक्षा अधिकारी ने इन कमरों को डीपीसी के अधिकारी क्षेत्र में बताया।
यह दो कमरे पहले भी रह चुके है बंद
पिछले आठ महीनों से बंद पड़े यह दोनों कमरे पहले भी बंद रहने के कारण सुर्खियों में रह चुके है। उस समय इन बंद पड़े कमरों को जिला शिक्षा अधिकारी रितु चौधरी ने ही खुलवाया था। जब ये कमरे खोले गए तो इन कमरों से भारी मात्रा में बच्चों की स्कूल यूर्निफार्म, सिलाई मशीन, साईकिल और कॉपी- किताब निकले थे। यह समान सरकार द्वारा जिला शिक्षा विभाग के डीपीसी अधिकारी को सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले विद्यार्थियों में वितरित करने के लिए दिया जाता है। लेकिन डीपीसी अधिकारी ने सामान को सरकारी स्कूल के विद्यार्थियों में वितरित करने की बजाए कमरों में ताला जड़कर सड़ने के लिए छोड़ दिया था।
आठ महीने पहले खुले थे कमरे
बता दें, कि जिला शिक्षा अधिकारी रितु चौधरी ने आठ महीने पहले ये दोनों बंद कमरे खुलवाए थे, उस समय डीपीसी अधिकारी मुनेश चौधरी थी।
मिलता है मोटा कमीशन
हरियाणा सरकार सभी जिले के डीपीसी अधिकारियों को सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले विद्यार्थियों के लिए जरूरत की वस्तु उपलब्ध कराने के लिए एक फण्ड देती है। इस फण्ड से विद्यार्थियों के लिए जररूत की वस्तु जरूर खरीदी जाती है परन्तु डीपीसी अधिकारियों का इस खरीदी में मोटा कमीशन होता है!
क्या कहना है डीपीसी अधिकारी का
यह दोनों कमरे आठ महीने पहले ही खाली किए गए हैं। इसके अलावा जो डीपीसी कार्यालय के पास वाला कमरा है, वह खुला हुआ है और जहां तक बात है डीपीसी कार्यालय के पीछे वाले बंद कमरे की तो वह कमरा हमारे अधिकार क्षेत्र में नही आता। इस कमरे में जिला शिक्षा अधिकारी का सामान पड़ा है और उन्हीं के अधिकार क्षेत्र में आता है। उस कमरे को केवल वहीं खुलवा सकती हैं। हमारे पास इस बंद पड़े कमरे को खोलने की अनुमति नही है। मेरे अधिकार क्षेत्र में डीपीसी कार्यालय के केवल दो ही कमरे आते है। एक मेरा कार्यालय और दूसरा मेरे साथ काम करने वाले लोगों का कार्यालय शामिल है।
–आनंद, डीपीसी अधिकारी-जिला शिक्षा कार्यालय फरीदाबाद।
क्या कहना है जिला शिक्षा अधिकारी का
हां, आठ महीने पहले ही मैंने कई सालों से बंद कमरों को खुलवाया था। तब दोनों बंद कमरों से भारी संख्या में बच्चों के स्कूल यूर्निफार्म, सिलाई मशीन, साईकिल और कॉपी- किताब निकले थे। लेकिन डीपीसी अधिकारी का यह कहना गलत है कि यह दोनों बंद कमरे उनके अधिकार क्षेत्र में नही आते। जबकि पूरा डीपीसी कार्यालय उन्ही के अधिकार क्षेत्र में आता है। यहां तक कि सभी बंद पड़े कमरों की चाबी भी डीपीसी अधिकारी के पास है। डीपीसी अधिकारी ही इन बंद कमरों को खोल सकता है।
–रितु चौधरी, जिला शिक्षा अधिकारी फरीदाबाद।