November 21, 2024

सीनियर श्रीराम स्कूल में दो दिवसीय स्पोर्ट्स कार्निवल और सांस्कृतिक कार्यक्रम धूमधाम से मनाया गया

दो दिवसीय स्पोर्ट्स कार्निवल और सांस्कृतिक कार्यक्रम

Faridabad/Alive News : जवाहर कॉलोनी 60 फीट रोड स्थित सीनियर श्रीराम मॉडल हाई स्कूल के प्रांगण में बुधवार को दो दिवसीय स्पोर्ट्स कार्निवल और सांस्कृतिक कार्यक्रम का शुभारंभ एनआईटी फरीदाबाद के विधायक सतीश फागना के छोटे भाई एवं भाजपा नेता कविंदर चौधरी ने दीप प्रज्वलित कर किया। नेशनल शुटिंग में गोल्ड मेडलिस्ट खिलाड़ी अमित शर्मा और जूनियर शूटिंग में गोल्ड मेडलिस्ट खिलाड़ी शुभम बैंसला ने खेल कार्निवल में पहुंचकर बच्चों की हौसलाअफजाई की। कार्यक्रम के अतिथि व श्रीराम सोसायटी के ट्रस्टी जगदीप ग्रोवर ने आये हुए अतिथियों का स्कूल पहुंचने पर बुके भेंटकर स्वागत किया।

कार्यक्रम में पहले दिन कक्षा नर्सरी से लेकर पांचवी तक के विद्यार्थियों ने गणेश वंदना की, स्पोर्ट्स-डे थीम, छोटी सी आशा गीत पर डांस किया, बनाना रेस, बिस्कुट रेस, छोटा बच्चा, चांद पर करे सवारी, म्यूजिकल चेयर, पढ़ोगे लिखोगे, ट्रिब्यूट टू मैरी कॉम, शटल रेस, गरबा, कोन बैलंस रेस, स्पोर्ट्स डांस, लेमन डांस, योगा, सोल्डर पैटर्न थीम डांस की प्रस्तुति दी। विद्यार्थियों की प्रस्तुति को अतिथियों ने खूब सराहा। खेल में प्रथम, द्वितीय और तृतीय आने वाले बच्चों को मैडम व सर्टीफिकेट पुरस्कृत भी किया गया।

कार्यक्रम के मुख्य अतिथि कविंदर चौधरी ने बच्चों को संबोधित करते हुए कहा कि पढ़ाई के साथ साथ खेलना भी बहुत जरूरी है। साथ ही उन्होंने बच्चों को करंट अफेयर जानने के लिए रोजाना अखबार पढ़ने का सुझाव भी दिया।

यह भी पढे़ं: राष्ट्रीय विधिक सेवा दिवस पर ड्राइंग प्रतियोगिता का आयोजन

स्कूल के प्रिंसिपल विक्रम सिंह राठौर ने बच्चों को संबोधित करते हुए कहा कि स्कूल समय-समय पर इस तरह की प्रतियोगिताओं करता आ रहा है। इस तरह की प्रतियोगिताओं से बच्चों का शारिरिक विकास होता है और साथ साथ उनकी खेलों के प्रति रुचि बढ़ती है। इस तरह की प्रतियोगिताओं से खिलाड़ियों की प्रतिभा को निखारने का प्रयास किया जाता है।

स्कूल की चेयरपर्सन डॉ. अमृता ज्योति, डायरेक्टर गुरप्रीत कौर, वाइस प्रिंसिपल ज्योति कोहली, हेमंत बवेजा ने प्रतियोगिता में अपना योगदान देने वाले अध्यापकों और प्रतियोगिता के प्रतिभागी बच्चों को कहा कि जीवन में पढ़ाई के साथ-साथ खेल भी जरूरी हैं, पढाई से बौद्धिक विकास होता और खेलने से शारिरिक विकास होता है।