Faridabad/Alive News : भारत सेवा प्रतिष्ठान और ग्रीन इंडिया फाउंडेशन ट्रस्ट के संयुक्त तत्वावधान में जे.सी. बोस विज्ञान विश्वविद्यालय द्वारा वायु, जल और भूमि विषय पर आयोजित दो दिवसीय राष्ट्रीय सम्मेलन ‘इको-2022’ का आज शुभारम्भ किया गया। सम्मेलन के उद्घाटन सत्र में केन्द्रीय ऊर्जा एवं भारी उद्योग मंत्री कृष्णपाल गुर्जर मुख्य अतिथि रहे।
सम्मेलन के विषय की प्रासंगिकता पर बोलते हुए केन्द्रीय मंत्री कृष्णपाल गुर्जर ने कहा कि जलवायु परिवर्तन आने वाली पीढ़ियों के लिए बड़े संकट का कारण है। संयुक्त राष्ट्र जलवायु परिवर्तन फ्रेमवर्क सम्मेलन (कॉप-21) में भारत द्वारा जलवायु परिवर्तन को लेकर वर्ष 2030 तक रखे गये लक्ष्यों का उल्लेख करते हुए केन्द्रीय ऊर्जा राज्यमंत्री ने कहा कि कोप-21 में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 2030 तक अपनी बिजली क्षमता का 40 प्रतिशत गैर-जीवाश्म ऊर्जा स्रोतों से प्राप्त करने के लिए प्रतिबद्धता जताई थी, जिसे देश ने नवंबर 2021 में ही हासिल कर लिया है। देश ने 2030 तक अपनी 50 प्रतिशत ऊर्जा की जरूरत अक्षय ऊर्जा से पूरी करने का लक्ष्य निर्धारित किया है, जिसके लिए ठोस प्रयास किये जा रहे है। यह पर्यावरण मुद्दों के प्रति उनकी गंभीरता को दर्शाता है।
प्राकृतिक संसाधनों को अमूल्य धरोहर बताते हुए गुर्जर ने कहा कि जल एवं ऊर्जा संसाधनों का समुचित उपयोग होना चाहिए, लेकिन यह तभी होगा जब इसके प्रति लोग संवेदनशील बनेंगे। उन्होंने कहा कि आज देशभर में ‘मुफ्त’ का कार्यक्रम चल गया है। अगर बिजली और पानी मुफ्त होगा, तो इसका दुरुपयोग होगा, खपत बढ़ेगी और संकट बढ़ेगा। क्योंकि खपत को पूरा करने के लिए ज्यादा बिजली पैदा करनी होगी और ज्यादा थर्मल प्लांट चलाने होंगे। ऐसे अनेक कारण है, जो पर्यावरण के लिए सही नहीं है।