Faridabad/Alive News : क्राइम ब्रांच की टीम ने हत्या के मामले में दो आरोपियों को गिरफ्तार किया है। पुलिस प्रवक्ता सूबे सिंह ने बताया कि गिरफ्तार किए गए आरोपियों में अभिषेक तथा सोनू का नाम शामिल है। फरीदाबाद के पल्ला एरिया के रहने वाले हैं। दोनों आरोपियों ने अपने एक तीसरे साथी मिथलेश के साथ मिलकर धीरज नगर के रहने वाले 14 वर्षीय छात्र अभिषेक की हत्या कर दी थी।
मामले में मरने वाले का नाम भी अभिषेक है और हत्या के मास्टरमाइंड का नाम भी अभिषेक है। शनिवार सुबह पुलिस थाना पल्ला में मुकदमा दर्ज किया गया था। जिसमें मृतक अभिषेक के पिता विरेश ने बताया कि उनका 14 वर्षीय लड़का अभिषेक 9वीं कक्षा में धीरज नगर के स्कूल में पढ़ता है और शुक्रवार शाम साढ़े बजे से लापता है। उन्होंने बताया कि उसे किसी राजा नाम के लड़के का फोन आया था और उसने कुछ किताबें मंगवाई थी। जिसे देने के लिए उनका लड़का अभिषेक शाम को गया था, परंतु वापस नहीं आया। शिकायत के आधार पर मुकदमा दर्ज करके अभिषेक की तलाश शुरू की गई।
आरोपियों ने अभिषेक के पिता को फोन किया और उनसे 5 लाख रुपए की फिरौती मांगी और फिरौती ना देने की सूरत में अभिषेक की हत्या करने की धमकी दी। अभिषेक ने पिता ने यह बात पुलिस को बताई जिसके पश्चात पुलिस ने मामले में अपहरण तथा फिरौती की धाराएं जोड़कर आरोपियों की तलाश शुरू की। मामले में कार्यवाही करते हुए तकनीकी तथा गुप्त सूत्रों की सूचना के आधार पर क्राइम ब्रांच 30 ने दो आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया।
मृतक अभिषेक के पिता की कबाड़ की दुकान से कबाड़ लेकर दिल्ली सप्लाई करता है। आरोपी सोनू की भी एक अपनी कबाड़ की दुकान है। इनका तीसरा साथी मिथिलेश एक फैक्ट्री में काम करता है। आरोपी अभिषेक ने प्लान बनाया की वह अभिषेक को अगवा करके उसके पिता से फिरौती मांगेंगे। इसके लिए आरोपियों ने एक चोरी के मोबाइल का उपयोग करके अभिषेक को फोन किया और कहा कि वह राजा बात कर रहा है जो उसके स्कूल में पढ़ता है और उसे कुछ किताबों की आवश्यकता है। उसने किताबों के बहाने से अभिषेक को गली के कोने पर बुलाया तथा वहां से उसे उसका अपहरण करके अपने साथ गाड़ी में डालकर सेक्टर 31 एरिया में एक निर्माणाधीन इमारत में ले गए।
वहां पर उन्होंने उसके हाथ-पैर बांधकर कर अपने तीसरे साथी मिथिलेश को उसकी निगरानी करने के लिए छोड़ दिया। इसके पश्चात दोनों आरोपी मिथिलेश को वहां छोड़कर खुद अभिषेक के पिता के पास आ गए और उसके साथ मिलकर अभिषेक को ढूंढने का ड्रामा करने लगे। शनिवार की रात अभिषेक के परिजन तथा पुलिस मिलकर जब अभिषेक की तलाश कर रही थी तो दोनों आरोपी उनके साथ साथ घूम रहे थे, ताकि वह पुलिस को गुमराह कर सके तथा किसी को उनके ऊपर शक भी ना हो। अभिषेक के हाथ बंधे हुए थे इसलिए वह अपने आप को बचा नहीं सका और उसकी मृत्यु हो गई।