November 18, 2024

पूर्व प्रधानमंत्री राजीव को श्रृद्धांजली अर्पित दी

Faridabad/Alive News : देश के पूर्व प्रधानमंत्री भारतरत्न श्री राजीव गंाधी की 26वीं पुण्यतिथि पर कांग्रेस कार्यकर्ताओं और पदाधिकारियों ने ओल्ड फरीदाबाद स्थित राजीव गांधी चौक पर उनकी प्रतिमा पर फूलमाला चढ़ाकर श्रृद्धांजली अर्पित की और राजीव गांधी अमर के नारे लगाये। इस अवसर पर फरीदाबाद के पूर्व विधायक आनन्द कौशिक, हरियाणा प्रदेश कांग्रेस कमेटी के महासचिव एवं गुडगांव कांग्रेस के प्रभारी बलजीत कौशिक, हरियाणा प्रदेश कांग्रेस कमेटी के सचिव सतबीर डागर, सीमा जैन आदि अनेक कांग्रेस कार्यकर्ता और पदाधिकारीगण विशेष रूप से मौजूद थे।

इस अवसर पूर्व प्रधानमंत्री भारतरत्न श्री राजीव गंाधी को श्रृद्धान्जली अर्पित करते हुए फरीदाबाद के पूर्व विधायक आनन्द कौशिक ने कहा कि देश में तकनीकी क्रांति लाने का श्रेय पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी जी को जाता है, जिन्होने देश में कम्प्युटर को लाकर विज्ञान और प्रौद्योगिकी को नई गति और दिशा प्रदान की। यदि उन्हे आधुनिक भारत का जनक कहें तो कोई अतिश्योक्ति नही होगी। श्री कौशिक ने कहा कि सबसे कम उम्र में विश्व के सबसे बडे लोकतात्रिंक देश के प्रधानमंत्री बनने का गौरव पाने वाले राजीव गांधी का व्यक्तित्व सज्जनता, मित्रता और प्रगतिशीलता का प्रतीक था। राजनैतिक क्षितिज में उनका उदय अप्रत्याशित तो अवश्य था, परन्तु इतने बडे देश के प्रधानमंत्रित्व का भार अपने युवा कंधो पर लेते ही राजीव गांधी जी ने साहसिक कदम उठाकर और ज्वलंत समस्याओं के प्रति अपना स्पष्ट दृष्टिकोण अपनाकर अपनी छवि एक सशक्त, कुशल, विवेकशील और गतिशील राजनेता के रूप मे प्रतिष्टित की। उन्होने शिक्षा, उद्योग, टेक्नोलोजी और पंचायती राज जैसी देश को आधुनिक दिशा देने वाले क्षेत्रो में सराहनीय योगदान दिया।

श्री कौशिक ने कहा कि राजीव गांधी जी ने अपने प्रधानमंत्रित्व काल के दौरान कई देशो की यात्रा करके उनके साथ राजनयिक, आर्थिक और सांस्कृतिक संबंध स्थापित किये। राजीव गांधी जी ने अंतरराष्ट्रीय मसलो पर अपनी स्पष्ट और बेबाक नीति कारण भारत को विश्व स्तर पर एक सम्मानजनक स्थान दिलाया। राजीव जी के नेतृत्व मे फिलीस्तीनी संघर्ष, रंगभेद के खिलाफ दक्षिण अफ्रीकी लोगो के संघर्ष, स्वापो आंदोलन, नामीबिया की स्वतंत्रता के समर्थन तथा अफ्रीकी देशो की सहायता के लिए अफ्रीका फंड की स्थापना मे भारत की पहल आधुनिक विश्व इतिहास का स्वर्णिम दस्तावेज बन गई, राजीव गांधी ने माले में हुए विद्रोह को दबाकर और श्रीलंका की जातीय समस्या के निदान के लिए स्वतंत्र पहल पर समझौता कर हिंद महासागर में अमेरिका, पाक और अन्य देशों के बढ़ते सामरिक हस्तक्षेप पर अंकुश तो लगाया ही, साथ ही विश्व को यह अहसास भी करा दिया कि भारत इस क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण शक्ति है, जिसे विश्व की कोई भी ताकत अनदेखा नही कर सकती है।

इस अवसर पर विनोद कौशिक, योगेश तंवर, पंडित कलुआ पाराशर, देवेन्द्र सिंह, सुनील कुमार, बलबीर, सुनीता फागना, रंधावा फागना, इंशात कथुरिया, गोपाल सिंह, मोहन लाल शर्मा, नारायण, तरूण शर्मा, कल्पना गोयल, हुकम सिंह, लक्ष्मन सिंह, मूलचंद एवं अनुराग जैन आदि कार्यकर्ता मौजूद थे।