December 23, 2024

कल है हरियाली तीज, जानिए पूजा विधि और महत्व

New Delhi/Alive News : अखंड सौभाग्यवती और परिवार की सुख-समृद्धि की कामना के लिए साल भर महिलाएं कई तरह के व्रत रखती हैं। अभी सावन का महीना चल रहा है और सावन के महीने में भगवान शिव और माता पार्तवी की विशेष पूजा अर्चना की जाती है। सावन के महीने में ही विवाहित महिलाएं हरियाली तीज का व्रत रखती हैं।

हरियाली तीज सुहागिन महिलाओं के लिए बहुत ही खास पर्व होता है। इसमें महिलाएं दिनभर निर्जला व्रत रखते हुए और श्रृंगार करके भगवान शिव और मां गौरी की आराधना करती हैं। हिंदू पंचांग के अनुसार हरियाली तीज का त्योहार श्रावण माह के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि पर मनाया जाता है। इसको श्रावणी तीज के नाम से भी जाना जाता है।

हरियाली तीज व्रत और पूजा विधि
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इसी तिथि पर भगवान शिव और माता पार्वती का पुनर्मिलन हुआ था। इसलिए हर वर्ष सावन माह के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि पर सुहागिन महिलाएं भगवान शिव संग माता पार्वती की पूजा, कथा और आरती करती हैं।

हरियाली तीज का महत्व
सावन माह में मनाई जाने वाली हरियाली तीज का विशेष महत्व होता है। इस तीज पर्व पर सुहागिन महिलाएं अपने पति की लंबी आयु और सुखी जीवन के लिए भगवान शिव और मां पार्वती की पूजा-अर्चना करती हैं। मान्यता है कि इस तीज पर्व के दिन व्रत रखते हुए सुहागिन महिलाएं शिव-पार्वती की आराधना करती है तो उन्हें अखंड सौभाग्यवती रहने का आशीर्वाद प्राप्त होता है। हरियाली तीज पर सुहागिन महिलाएं सोलह श्रृंगार करते हुए पूजा-पाठ और कीर्तन करती हैं। तीज पर मायके से सभी पूजा की सामग्री और श्रृंगार की वस्तुएं आती हैं। तीज का त्योहार का विशेष महत्व होता है। यह हरियाली तीज, कजरी तीज और हरतालिका के रूप में मनाई जाती है।

भगवान शिव को अर्पित करें ये पूजा सामग्री
नए वस्त्र, बेलपत्र, भांग, धतूरा, शमी के पत्ते, जनेऊ, जटा नारियल, सुपारी, कलश, अक्षत, दूर्वा घास, घी, कपूर, अबीर-गुलाल, श्रीफल, चंदन, गाय का दूध, गंगाजल, पंचामृत दही, मिश्री, शहद आदि

माता पार्वती को अवश्य चढ़ाएं ये चीजें
हरे रंग की साड़ी, चुनरी और सोलह श्रृंगार से जुड़े सुहाग के सामान जिसमें मुख्य रूप से सिंदूर, बिंदी, चूडियां, महौर, खोल, कुमकुम, कंघी, बिछिआ, मेहंदी, दर्पण और इत्र इत्यादि।