May 20, 2024

आधार लिंक के नाम पर कांग्रेसी नेता के खाते से उड़ाए हजारो रुपए

New Delhi/Alive News : राज्यसभा सांसद और पंजाब कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष शमशेर सिंह डुल्लो उस वक्‍त साइबर अपराधियों के शिकार बन गए, जब उन्‍होंने फोन पर ठगी करने वाले शख्‍स को वन टाइम पासवर्ड बता दिया और उनके बैंक अकाउंट से 27,000 रुपये निकाल लिए गए. एक चैनल के अनुसार दरअसल, सोमवार को डुल्लो को एक शख्‍स का फोन आया, जिसने खुद को बैंक मैनेजर बताते हुए उनके बैंक अकाउंट को आधार से लिंक करने की बात कहते हुए मोबाइल पर आए वन टाइम पासवर्ड (OTP) शेयर करने को कहा.

एक समाचार में प्रकाशित खबर के अनुसार, डुल्‍लो ने अपनी शिकायत में बताया है कि जब उन्‍हें यह फोन आया तब वे अपने दिल्‍ली के बीडी मार्ग स्थित निवास पर थे. उन्‍होंने शिकायत में कहा, “मेरा स्‍टेट बैंक ऑफ खन्‍ना, पंजाब में खाता है. मुझे मेरे एमटीएनएल के मोबाइल नंबर पर ****048718 से एक फोन आया. कॉलर ने कहा, मेरे खाते को आधार के साथ लिंक करना है और इसके लिए मुझे एक पासवर्ड के जरिये अपनी पहचान सत्यापित करने के लिए कहा”. कॉलर ने उनसे कहा कि उन्हें इसके जरिये अपने घर से आधार लिंक कर देने का विशेषाधिकार दिया गया है. इसके बाद उन्‍होंने यह पासवर्ड कॉलर को बता दिया.

जैसे ही सांसद ने उसे ओटीपी बताया, वैसे ही उस शख्‍स ने फोन काट दिया. इसके तुरंत बाद उन्‍हें बैंक की तरफ से एक मैसेज आया, जिसमें उनके खाते से 27 हजार रुपये निकाले जाने की जानकारी मिली. इसके बाद डुल्‍लो पुलिस के पास पहुंचे और एफआईआर दर्ज कराई.

सांसद ने समाचार पत्र को बताया कि ‘जब मैंने आधार से लिंक किए जाने के फायदे के बारे में पूछा, तो उसने तत्‍काल फोन काट दिया. उसके फोन काटे जाने के बाद बैंक खाते से 27 हजार रुपये निकाले जाने मैसेज आया. मैं चकित रह गया, क्‍योंकि मैंने कॉलर को बैंक खाते से जुड़ी जानकारी साझा नहीं की थी.’

एक अधिकारी ने कहा, प्रारंभिक जांच में पता चला है कि साइबर अपराधियों ने चुनाव आयोग समेत अन्‍य वेबसाइटों से सांसद से संबंधित जानकारियां हासिल कर ली थीं. इसके बाद उन्‍होंने नेट बैंकिंग के माध्यम से ऑनलाइन धोखाधड़ी करने के लिए सांसद को फोन किया. जब ट्रांजिक्‍शन प्रोसस में लाई गई, तब अकाउंट से लिंक मोबाइल नंबर पर ओटीपी भेजा गया और सांसद को झांसे में लाने के बाद पैसा निकाल लिया गया.

पुलिस अधिकारी का कहना है कि वे ट्रांजिक्‍शन की डिटेल खंगाल रहे हैं, जिसके तहत रुपये किसे प्राप्‍त हुए और किस आईपी अड्रेस का इस्‍तेमाल किया गया, यह जानकारी जुटाई जा रही है.