Faridabad/Alive News: जिले के मेडिकल स्टोर संचालक अब दवा बेचने और उसका रिकॉर्ड रखने में किसी प्रकार की कोई धांधलेबाजी नहीं कर पाएंगे। इसे लेकर औषधि नियंत्रण विभाग सख्त हो गया है। सभी प्रकार की दवा के पूरे रिकॉर्ड को ऑनलाइन करने के लिए साथी नाम से एक एप तैयार किया है और प्रत्येक मेडिकल स्टोर संचालक को इसे अपने मोबाइल या कंप्यूटर पर डाउनलोड करना आवश्यक होगा।
मेडिकल स्टोर संचालक ने किन-किन दवा का कितनी मात्रा में ऑर्डर दिया, कितना प्राप्त हुआ है और किस ग्राहक को बेचा, इसकी पूरी जानकारी एप पर अपलोड करनी होगी। ताकि दवा की आड़ में नशे के कारोबार पर अंकुश लग सके। प्रदेश सरकार नशे को रोकने के लिए काफी सक्रिय है। इसके चलते मेडिकल स्टोर संचालकों सहित नशे की तस्करी करने वालों के खिलाफ पुलिस के सहयोग से जिला औषधि नियंत्रण विभाग अभियान चला रहा है। इसके अलावा मेडिकल स्टोर संचालकों को नशीली दवा एवं प्रतिबंधित दवा नहीं बेचने और दवा का रिकॉर्ड व्यवस्थित करने के लिए प्रेरित किया जा रहा है।
जिला औषधि नियंत्रण विभाग से मिली जानकारी के अनुसार पिछले महीने में साथी एप का ट्रायल किया गया था। इसमें क्रियान्वयन को लेकर काफी समस्याएं आई थी। डॉक्टर द्वारा लिखा गया प्रिस्क्रिप्शन, रिकॉर्ड, मोबाइल नंबर सहित कई खामियां आ रही थी। इसे दूर करवाने के लिए विभाग अधिकारियों ने निदेशालय के साथ बैठक भी की है। एप की कमियों को दूर किया जा रहा है। एप की कमियां दूर होने के बाद दोबारा से ट्रायल होगा। यदि ट्रायल सफल रहा तो एप जिले के सभी 2500 मेडिकल स्टोर संचालकों के लिए आवश्यक होगा।
साथी एप के ट्रायल में कुछ खामियां पाई गई थी। उसे दूर किया जा रहा है। उसके बाद सभी मेडिकल स्टोर संचालकों को यह एप डाउनलोड करना आवश्यक होगा। इसमें दवा के थोक विक्रेता भी शामिल हैं। सरकार रेफ्रिजरेटर में रखी जाने वाली दवा को लेकर भी गंभीर है। इसके चलते प्रत्येक के लिए सीसीटीवी कैमरा लगाना भी आवश्यक है।