Faridabad Alive News: आवागमन को सुगम बनाने के लिए सड़कें होती हैं। लेकिन इन दिनों स्मार्ट सिटी की ये सड़कें ही लोगों के आवागमन को दूभर बना रही है। जिले के अधिकांश सड़कें जर्जर हो गई है। राहगीर इन तालाब नुमा गड्ढों से बचते बचाते आवागन करने को मजबूर हो रहे हैं। स्मार्ट सिटी की सड़कों की स्थिति इतनी दयनीय हो गई है कि सड़कों पर केवल गड्ढे ही गड्ढे नजर आ रहे हैं। इन गड्ढों से हमेशा हादसों की आशंका बनी रहती है। ऐसे में सवाल ये उठता है कि मानसून दरवाजे पर है और नगर निगम में कितनी तैयारी की है।
दरअसल, अगले महीने मानसून आने की संभावना है और इससे पहले स्मार्ट सिटी की जर्जर सड़कों की मरम्मत के लिए नगर निगम की तरफ से अभी कुछ भी तैयारी शुरू नहीं की गई हैं। नगर निगम अधिकारियों के इस रवैये ने स्मार्ट सिटीवासियों की चिंता को बढ़ा दिया है कि कहीं टूटी सड़कों में जलभराव के दौरान उन्हें सफर करते वक्त जान का जोखिम ना उठाना पडे़। पहले ही टूटी सड़कों की वजह से राहगीरों की गई जान के आरोप नगर निगम पर लगते रहे हैं। प्याली चौक वाली सड़क पर पिछले वर्ष एक युवक की मौत के लिए एनआईटी फरीदाबाद विधानसभा से कांग्रेस के विधायक नीरज शर्मा नगर निगम को जिम्मेदार ठहरा चुके हैं।
शहर का सबसे प्रमुख रोड मोहना रोड काफी समय से बदहाल है। ऊंचा गांव से लेकर ग्रुप हाउसिंग सोसाइटी तक आधा किलोमीटर की सड़क बेहद ज्यादा टूटी पड़ी है। इस रोड के अंदर से रेनीवेल योजना की लाइन जा रही है। जब भी यह लाइन टूटती है तो लाइन को निगम प्रशासन के कर्मचारी सड़क को तोड़कर लाइन को जोड़ते हैं। लेकिन सड़क को ठीक नहीं करते हैं। ऐसी स्थिति में इस आधा किलोमीटर का यह हिस्सा हमेशा ही बदहाल स्थिति में रहता है। ऊंचा गांव से चंदावली बाईपास रोड को जोड़ने वाली सड़क पीडब्ल्यूडी विभाग की है। जिसे न तो नगर निगम बनाता है और न हीं पीडब्लूडी। मोहना रोड ऐसी सड़क हैं, जहां से हजारों लोगों का प्रतिदिन आवाजाही रहती है।
आपको बता दे कि शहर का मिल्क प्लांट रोड दो जगह से बदहाल है। अग्रवाल कॉलेज से पहले सेक्टर-2 की ओर जाने वाली सड़क के पास सड़क टूटी पड़ी है। यह वही सड़क का हिस्सा है, जो नालों को जोड़ती है। कई सालों से यह हिस्सा टूटा हुआ है। बारिश के दिनों में इस हिस्से में काफी पानी भर जाता है। इस कारण इस रोड से गुजरने वाले हजारों बच्चों को खासी परेशानी का सामना करना पड़ता है। इस नाले वाली जगह के पास दो जगह से सड़क पर गड्ढे हैं, जिन पर अक्सर वाहन चालक फिसल जाते हैं और चोटग्रस्त हो जाते हैं।
शहर के ब्राह्मण वाडा मोहल्ले की पांच-छह गलियों की सड़क पिछले करीब एक साल से उखड़ी पड़ी है। जिस कारण लोगों को आवाजाही में खासी परेशानी उठानी पड़ रही है। करीब एक साल पहले इस मोहल्ले सहित आसपास के क्षेत्र में सीवर व पानी की लाइन बिछाने के लिए सड़कों को खोदा गया। लेकिन उन्हें आज तक नहीं बनाया गया है। दिन हो या रात टूटी सड़क के चलते लोग अक्सर चोटग्रस्त होते रहते हैं। ऐसा नहीं है कि वार्ड के पार्षद को इस मामले में जानकारी नहीं है, लेकिन वह भी अनदेखी कर रहे हैं।
शुमार सैनिक कॉलोनी के सामने से गुरुग्राम को जाने वाली सड़क सीमेंट-कंक्रीट से बनी है, लेकिन यह सैनिक कॉलोनी के मुख्य गेट के सामने उखड़ी हुई है। इसमें कई जगह गहरे गड्ढे हो चुके हैं। एनआईटी फरीदाबाद के अलावा जवाहर कॉलोनी, डबुआ कॉलोनी आदि घनी आबादी वाले इलाकों से लोग गुरुग्राम-दिल्ली आवाजाही करने के लिए इसी सड़क का इस्तेमाल करते हैं। इसकी वजह से यहां कई बार सुबह-शाम जाम भी लग जाता है, बावजूद इसके संबंधित सड़क की उपयोगिता को देखते हुए जिला प्रशासन की नजर इसकी बदहाली पर नहीं पड़ी है।
एसजीएम नगर, सेक्टर-21डी, बी, गांधी कॉलोनी सहित गांव बड़खल, गांव अनखीर, गांव फतेहपुर के आसपास के लोगों के लिए गुरुग्राम-फरीदाबाद रोड आवाजाही करने के लिए मुख्य सड़कों में एक है। सैनिक कॉलोनी से लेकर अनखीर चौक तक थर्मल पावर के पानी की निकासी के लिए बनाए गए नाले के पानी के भराव से यह सड़क जगह-जगह से टूट रही है। सीमेंट-कंक्रीट से बनी संबंधित सड़क दिल्ली वाली मस्जिद और अनखीर गांव के पास बैंक के सामने दरक रही है।अनेक जगह से सड़क के उखड़ने से गड्ढे हो रहे हैं, जो राहगीरों की परेशानी का सबब बन रहे हैं।