Faridabad/Alive News : कौशल, कला और डिजाइन तकनीक के समन्वय से रोजगार के नए अवसर खुलेंगे। प्रदेश में युवाओं को इन तीनों आयामों में निपुण बनाने की दिशा में खाका तैयार हो गया है। इसी कड़ी में बृहस्पतिवार को श्री विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. राज नेहरू, पंडित लखमी चंद स्टेट यूनिवर्सिटी ऑफ परफॉर्मिंग एंड विजुअल आर्ट (सुपवा) के कुलपति गजेंद्र चौहान और नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ डिजाइन, हरियाणा की निदेशक डॉ. वनिता आहूजा के बीच महत्वपूर्ण बैठक हुई।
इस बैठक में तीनों संस्थानों के बीच तकनीक, संसाधन और शैक्षणिक विशिष्टताओं के आदान-प्रदान का प्रारूप तैयार किया गया। गौरतलब है कि हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल राष्ट्रीय शिक्षा नीति के समग्र आयामों को लागू कर रोजगार की दृष्टि से महत्वपूर्ण संस्थानों को एक मंच पर लाने का आह्वान कर चुके हैं। इस दिशा में काम शुरू हो गया है।
श्री विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. राज नेहरू ने कहा कि अपने-अपने क्षेत्र में विशिष्टताओं वाले हरियाणा के इन तीनों संस्थानों का एक अकादमिक मंच पर आना समय की आवश्यकता है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति की संस्तुतियां भी इस समन्वय की पैरोकार हैं और मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल जी इस दिशा में सभी संस्थानों को प्रेरित कर रहे हैं। डॉ. राज नेहरू ने कहा कि नई शिक्षा नीति विभिन्न विधाओं के मिश्रण से नवाचार को बल देती है। हम उसी दिशा में आगे बढ़ रहे हैं। प्रौद्योगिकी बहुत तेजी से बदल रही है और तकनीक में अप्रत्याशित परिवर्तन आ रहे हैं। प्रोग्राम और उनके पाठ्यक्रम की प्रासंगिकता को बनाए रखने के साथ-साथ मार्केट के अनुसार जॉब रोल तैयार करने की बड़ी जिम्मेदारी है।
कुलपति डॉ. राज नेहरू ने कहा कि हरियाणा में स्थापित यह तीनों संस्थान मिल कर काम करेंगे। परस्पर तकनीक और संसाधनों का आदान-प्रदान होगा। उन्होंने बताया कि क्रेडिट एक्सचेंज आधारित प्रोग्राम चलाए जाने की संभावनाओं पर भी चर्चा हुई है।
सुपवा के कुलपति गजेंद्र चौहान ने सिनेमोटोग्राफी, एनिमेशन, ग्राफिक्स डिजाइनिंग सहित अन्य कलात्मक कौशल के क्षेत्र में आगे बढ़ने के लिए पेशकश की। उन्होंने विद्यार्थियों के एक-दूसरे संस्थान में जाकर सीखने की संभावनाओं की भी चर्चा की। कुलपति गजेंद्र चौहान ने सुपवा के वैश्विक स्तर के स्टूडियो और उनकी तकनीकी उत्कृष्टताओं का उल्लेख करते हुए कहा कि सिखाने के लिहाज से सुपवा के पास बड़ा इंफ्रास्ट्रक्चर है। कुलपति गजेंद्र चौहान ने इस दिशा में राष्ट्रीय शिक्षा नीति के उद्देश्यों का भी उल्लेख किया।
श्री विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. राज नेहरू ने सीएनसी लैब और वैश्विक मानकों के अनुरूप बनी दूसरी तकनीकी लैब के सदुपयोग की पेशकश की।
नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ डिजाइन, हरियाणा की निदेशक डॉ. वनिता आहूजा ने कहा कि डिजाइन अत्यंत रचनात्मक विषय है। उन्होंने तीनों संस्थानों के संयुक्त तत्वावधान में शॉर्ट टर्म सर्टिफिकेट कोर्स की संभावनाओं पर प्रबलता से चर्चा की। डॉ. वनिता आहूजा ने कहा कि तीनों संस्थान अपनी-अपनी विशेषताओं को समाहित कर कुछ कोर्स डिजाइन कर सकते हैं। एनआईडी की फैकल्टी ने डिजाइन के विविध आयामों को प्रस्तुत भी किया।
कुलपति डॉ. राज नेहरू ने सुपवा और एनआईडी की टीमों को श्री विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय का भ्रमण करने का न्योता दिया। तीनों संस्थानों के प्रमुखों ने परस्पर सहयोग एवं समन्वय से शीघ्र ही कुछ शॉर्ट टर्म कोर्स डिजाइन करने पर सहमति दी।
इस बैठक में श्री विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय के डीन एकेडमिक अफेयर्स प्रो.आरएस राठौड़, प्रो. डी.के गंजू, एनआईडी की ओर से डॉ. डी. श्रीनिवास, ममता गौतम, स्वाति और सुपवा की ओर से डॉ. विश्वजीत और बी. तोमर सहित कई अन्य अधिकारी व शिक्षक मौजूद थे।