November 22, 2024

मोर्चरी में नहीं बची शव रखने की जगह, डीसी तक पहुंची शिकायत

Faridabad/Alive News: फरीदाबाद के एकमात्र सिविल अस्पताल में शवों की संख्या बढ़ने लगी है जिसकी चलते मोर्चरी में रखे हुए फ्रीजर भी कम पड़ने लगे हैं। फ्रीजर की संख्या कम होने की वजह से मोर्चरी के बाहर स्ट्रेचर पर कुछ शव देखे गए है और कुछ मोर्चरी के अंदर जमीन पर पड़े देखे गए हैं। वहीं, दूसरी तरफ अस्पताल में शव के पोस्टमार्टम के लिए केवल एक ही डॉक्टर माैजूद है।

भीषण गर्मी और बिमारी के चलते आए दिन शहर में मौत हो रही है, जिसकी वजह से अस्पताल में कई बार 15 से 20 डेड बॉडी आ जाती हैं। मोर्चरी छोटी होने की वजह से कुछ शव को बाहर रखे हुए देखे जा रहे हैं। बाहर धूप में रखने के कारण शव सड़ रहें थे और ऐसे में अस्पताल के आसपास का माहौल भी दुर्गंधमय हो रहा है। लोग सिविल अस्पताल में स्वस्थ होने के लिए आते हैं लेकिन शव की बदबू के कारण बीमार होने की आशंका बनी हुई है।

इसके अलावा शवों के पोस्टमार्टम के लिए मोर्चरी में केवल एक ही डॉक्टर मौजूद है और ऐसे में शव का पोस्टमार्टम समय पर नहीं हो पा रहा है। समय पर पोस्टमार्टम न होने के कारण शव की दुर्गति हो रही है। सरकार और कुछ स्वास्थ्य अधिकारियों को इस मामले पर संज्ञान लेने की जरूरत है। ताकि सिविल अस्पताल की मोर्चरी के हालात सुधर सके। इस संबंध में अस्पताल की जिम्मेदार अधिकारी पीएमओ सविता यादव से बात करने की कोशिश की तो उन्होंने फोन रिसीव नहीं किया।

रात को सोए, पर सुबह नहीं उठे
शिव दुर्गा विहार निवासी 45 वर्षीय लक्ष्य मजदूरी करता था। रात को खाना खाकर कमरे में सो गया। सुबह उठा ही नहीं। पड़ोसियों ने पुलिस को सूचना दी। मुजेसर थाने के अंतर्गत प्याली चौक के पास अज्ञात व्यक्ति का शव बरामद हुआ। जांच अधिकारी एएसआइ नानक ने बताया कि बीमारी व गर्मी की वजह से मौत होने की आशंका है। डबुआ थाने से एएसआइ हरबीर ने बताया कि लेजर वैली पार्क में 66 वर्षीय कृष्ण घूमने आए थे। यहां चक्कर खाकर गिर गए और उनकी मौत हो गई।

सड़क किनारे मिला शव
सेक्टर-11 चौकी पुलिस के एएसआइ सत्येंद्र सरहरावत ने बताया कि एक 65 वर्षीय व्यक्ति सेक्टर-12 को जाने वाले रोड़ पर मृत पड़ा मिला। वह रोजाना इघर- उधर घूमता रहता था। उसकी पहचान नहीं हुई है। 41 वर्षीय राजेंद्र वाईएमसी चौक पर घूमता रहता था। उसका शव भी बुधवार को पुलिस ने बरामद किया। सेक्टर-15 में रहने वाले 31 वर्षीय मोहित की बीमारी की वजह से मौत हो गई। वह रात को सड़क पर मृत मिला। पुलिस अनुमान लगा रही है कि कहीं न कहीं मौत की वजह गर्मी भी है, क्योंकि जैसे गर्मी बढ़ रही है, वैसे ही शवों की संख्या भी बढ़ रही है। रोज शव मिल रहे हैं।

डीसी तक पहुंची शिकायत
बीके अस्पताल की मोर्चरी में बुधवार को अधिक संख्या में शव आए। फ्रीजर फुल हो जाने के बाद शवों को मोर्चरी में फर्श पर ही जगह दी गई। कई शव स्ट्रेचर पर रखने पड़े। शवों की दुर्गति को लेकर कई समाज सेवियों ने अस्पताल प्रबंधन की कार्यप्रणाली पर नाराजगी जताई। समाजसेवी सतीश चोपड़ा ने डीसी विक्रम सिंह से मिलकर मोर्चरी की व्यवस्था में सुधार मी मांग की। बता दें कि मोर्चरी में 14 फ्रीजर हैं। जिस दिन अधिक संख्या में शव आते हैं तो स्थिति बिगड़ जाती है। इन दिनों बड़ी संख्या में अज्ञात व लावारिस शव भी आ रहे है। नियमानुसार लावारिस शव को मोर्चरी में 72 घंटे रखना पड़ता है। इस कारण मोर्चरी में शवों की संख्या बढ़ जाती है।