दुनियाभर में ऐसे लोगों की कमी नहीं है जिनकी जिंदगी योग ने बदल दी। किसी को लंबी उम्र मिली तो किसी को शारीरिक लाचारी से मुक्ति है तो किसी को खुद को समझने और मन से जुड़ने का मौका मिला है। योगा एक ऐसी वैज्ञानिक प्रमाणिक व्यायाम पद्धति है जिसके लिए न तो ज्यादा साधनों की जरुरत होती हैं और न ही अधिक खर्च करना पड़ता है। इसलिए पिछले कुछ सालों से योगा की लोकप्रियता और इसके नियमित अभ्यास करने वालों की संख्या लगातार बढ़ी है।
अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के मौके पर ऐसी पांच सच्ची कहानियां बता रही हैं जिसमें योग व्यक्ति की जिंदगी में एक बड़ा और सकारात्मक बदलाव लाने में सफल रहा है।
शराब, सेक्स और ड्रग्स एडिक्शन से छुटकारा
सबको हंसाने वाले कॉमेडियन रसेल ब्रांड कई गलत कारणों जैसे ड्रग्स, सेक्स एडिक्शन आदि के कारण सुर्खियों में रहे। लेकिन अब उन्होंने अपना ईमानदार और प्रेरणादायी रिश्ता योग से जोड़ लिया है। ब्रांड के मुताबिक उन्हें एसिड, हीरोइन, सेक्स और एल्कोहल के विनाशकारी उपयोग वास्तव में उनका आध्यात्मिक समस्या के कारण था।
योग के संपर्क में आने पर ही उन्हें समझ आया कि वह अपना दिल और आत्मा गलत दिशा में डिवोट कर रहे हैं। वे कहते हैं ‘ योगाभ्यास के जरिए मुझे प्रमाणिकता की पहचान हुई। भगवान से पल-पल मिलकर मैं एक प्रमाणिकता महसूस करता है जो कि मैंने जिंदगी में कभी नहीं की।’ समय के साथ-साथ रसेल ने महिलाओं और ड्रग्स की बजाए योग पर ज्यादा फोकस किया। आज वह खुद से जुड़ने के लिए योग करते हैं। खुद के अंतर्मन को साफ-स्वच्छ और गलत आदतों से दूर रहने के लिए योग का सहारा लेते हैं।
जिंदगी से खत्म हो गया था कंगना का मोह
बॉलीवुड एक्ट्रेस कंगना रनौट के मुताबिक उन्होंने अपनी पूरी जिंदगी ही योग के नाम कर दी है। वे बताती हैं ‘जब वे 18 साल की थी और फिल्म इंडस्ट्री में एक मौके की तलाश में भटक रही थी। तब मैंने सूर्य नारायण सिंह नाम के एक शख्स को देखा। वह जुहू बीच पर जिम्नास्टिक्स कर रहा था और उसकी पूरी बॉडी हाथों पर संतुलित थी। मैं उनसे काफी प्रभावित हुई और उनसे पूछा कि क्या यह कला वे मुझे सिखाएंगे। उन्होंने मुझे इनकार नहीं किया। जब उन्होंने मुझे सिखाना शुरू किया तो अपनी पूरी जिंदगी ही योग के नाम कर दी। आज भी वे मेरे योग गुरु हैं।’ उनका जिंदगी से मोह कम होने लगा था और समझ नहीं पाती थी कि जिंदगी का मकसद क्या है। वे बताती हैं ‘ स्वामी विवेकानंद के बारे में जानने के बाद मेरे अंदर आत्मविश्वास जागने लगा। योग को मैंने अपने डेली रुटीन में शामिल कर लिया। मैं राज योग करती हूं। इसके लिए काफी प्रैक्टिस और ब्रह्मचारी होने की आवश्यकता होती है। इस वजह से एक-दो साल तक मैंने साध्वी की तरह जीवन जिया। राज योग के अलावा मैं कुंडलिनी योग और इसके सभी चक्रों का अध्ययन भी किया है।’ कंगना की मानें तो शुरुआत में वे अपनी आंखों को एक मिनट के लिए भी बंद नहीं कर पाती थीं, लेकिन अब 40 से 45 मिनट तक आंखे बंद कर सकती हैं।
सीधी हो गई घुमावदार स्पाइन
ब्रिटेन की मूल निवासी 29 साल की रेबेका बैरी ने सोचा कि वह अपनी दर्दनाक सर्जरी के बाद अपनी जिंदगी कभी अच्छे से नहीं जी पाएगी। बैरी अपनी किशोरावस्था से स्कोलियोसिस से पीड़ित थी। अपनी घुमावदार स्पाइन को छिपाने के लिए वह अपनी साइज से बड़े कपड़े पहना करती थी। इन्वेसिव सर्जरी की बजाए इस समस्या से निपटने के लिए उसने योग का रूख किया। एक महीने में उनका पीठ सीधी हो गई और वह ज्यादा आत्मविश्वास महसूस करने लगी। बैरी योग के साथ-साथ आज अपने पसंदीदा खेल स्कूबा डाइविंग को बेहिचक एंजॉय करती है।
आग में झुलसी, योग से मिला जीवन
फरीदाबाद की रहने वाली टीचर ममता शर्मा मई 2007 में घर में गैस लीक होने के चलते सिलेंडर धमाके के कारण बुरी तरह से झुलस गई थी। हादसे में उनके दोनों हाथ और दोनों पैरों की नसें आपस में जुड़ गईं। वह न तो खड़ी हो पाती और न ही चल पाती थीं। उन्हें दो लोग उठाते-बैठाते थे। चिकित्सकों ने उन्हें ऑपरेशन के लिए कहा था। मार्च 2008 से वह योग शिविर में जाने लगी। आज वह पूरी तरह से स्वस्थ हो गईं। अब उन्हें सहारे की जरूरत नहीं पड़ती। वह खुद कई संस्थाओं से जुड़कर योग शिविर में दूसरों को योग सिखाती हैं।
दुनिया से ‘लुप्त’ होना चाहती थी
अमेरिकन जर्नेलिस्ट, ऑथर और अरनॉल्ड श्वाजनेगर की पूर्व पत्नी मारिया श्राइवर का मानना है कि उसका जीवन योग ने ही बचाया है। अपने पिता की मौत, मां का कैंसर से संघर्ष और पति का छोड़कर चला जाना, मारिया को लगता कि वह इस दुनिया से ‘लुप्त’ हो जाए।
शराब की लत से उबरने के प्रयास में उन्होंने पाया कि खुद को शरीर, मन और आत्मा से अलग कर लिया है। एक दोस्त के साथ वह एक बार योग क्लास गई। अपनी पहली योग क्लास के दौरान वह खूब रोई। योग नउन्हें उनके शरीर और मन को फिर से जोड़ा। जब वह अपने योग मैट से उठी तो एक अलग इंसान थी। वे कहती हैं जीवन के संघर्षों के बीच जो मैं टूट गई थी, योग ने उन्हें समेटकर एक बार फिर खड़ा कर दिया था।