November 18, 2024

ऑक्सीजन गैस सिलेंडर पकड़वाने वाली खबर को पुलिस ने बनाया झूठ का पुलिंदा: विधायक

Faridabad/Alive News: सेक्टर 31 थाना की पुलिस ने 3 मई को सायं 3.58 बजे डीएलएफ सेक्टर 31 एक अज्ञात नाम से बनी दुकान के अंदर मिले 50 आक्सीजन गैस सिलेन्डर पकड़वाने वाले कांग्रेस विधायक नीरज शर्मा के अनुसार पुलिस ने अन्य के खिलाफ एफआइआर दर्ज की है।

विधायक नीरज शर्मा के अनुसार उन्होंने एक न्यूज पोर्टल के लाइव टेलीकास्ट देखा तो पाया कि डीएलएफ सेक्टर-31 क्षेत्र में एक दुकान के अंदर आक्सीजन गैस सिलेन्डर भरे होने की बात कही जा रही है। वह मौके पर पहुंचे और उन्होंने सेक्टर-31 थाना के प्रभारी के अधिकृत मोबाइल नंबर 9582200122 फोन पर किया।

जब उनका फोन नहीं उठा तो विधायक नीरज शर्मा ने डीजीपी को मोबाइल फोन पर पूरे मामले की सूचना दी। इसके बाद 4.17 बजे एक बार फिर सेक्टर-31 थाना प्रभारी महोदय को फोन किया मगर फिर भी उनका फोन नहीं उठा। थाना प्रभारी से फोन पर बात हुई और वह थाना मौके पर पहुंच गये।

थाना प्रभारी के सामने गैस सिलेन्डर की दुकान खुलवाई गई और इसमें 50 आक्सीजन गैस भरे सिलेन्डर पाए गये। इस दौरान सम्बिन्धित क्षेत्र के सहायक पुलिस आयुक्त वहां पहुंच गये थे। विधायक के अनुसार बिना किसी बोर्ड आदि लगी इस दुकान की सारी चीजें थाना प्रभारी के सुपुर्द कर वे वापस लौट आए।

इसके बाद 5.32 बजे थाना प्रभारी का फिर मोबाइल नंबर 9582200122 से फोन आया और उन्होंने एक लड़के की तरफ से थाने में शिकायत भिजवाने का आग्रह किया। जबकि विधायक ने थाना प्रभारी को खुद ही मामले का संज्ञान लेने को कहा।

इसके बाद अगले दिन 4 मई विधायक नीरज शर्मा ने फोन पर थाना प्रभारी से पूछा कि क्या कार्यवाही की गई तो थाना प्रभारी ने बताया कि ड्रग इंस्पेक्टर पुलिस को यह लिखकर देकर गया है कि यहां सिलेन्डर रखे जा सकते हैं और ये सिलेन्डर 3 मई को ही 2.56 मिनट पर इस दुकान में रखे गए थे।

विधायक के अनुसार पुलिस ने 3 मई की रात 11.30 बजे पुलिस ने सेक्टर-31 थाने में एसआई कीमत लाल की शिकायत पर एफआईआर दर्ज कराई। इसमें सभी तथ्य झूठे हैं क्योंकि मौके की लाइव रिपोर्टिंग फेसबुक पर हो रही थी।

विधायक नीरज शर्मा के सवाल हैं कि 3 मई को दोपहर 2.56 बजे से तब तक जब तक ड्रग इन्स्पेक्टर मौके पर नहीं पहुंचे और 50 आक्सीजन गैस सिलेन्डर क्यों एक गुप्त स्थान पर रखे गए? क्योंकि पूरे शहर में आक्सीजन गैस के लिए त्राहि-त्राहि मची हुई थी।

क्या ड्रग इन्सपेक्टर ने पुलिस को यह भी पत्र दिया है कि इन 50 आक्सीजन गैस सिलेन्डर भरने वालों के लिए सम्बन्धित गैस प्लांट पर ड्यूटी मजिस्ट्रेट ने कोई पास जारी किया था। क्या ड्यूटी मजिस्ट्रेट ने इस आपदा के समय में इस तरह भंडारण के लिए कोई पास जारी किया था।

जब विधायक स्वयं मौके पर मौजूद हों तो पुलिस ने अज्ञात लोगों के नाम से क्यों एफआईआर दर्ज की? यदि पुलिस को आक्सीजन गैस की कालाबाजारी का यह स्टिंग आपरेशन झूठा लगा था। पुलिस की तरफ से एफआईआर में लिखवाया गया समय और हालात एकदम तथ्यों से परे हैं क्योंकि इस पूरे मामले का लाइव टेलीकास्ट पोर्टल पर हो रहा था।

उनका कहना है कि एक झूठा मामला है, इस तथ्य को अलग रखते हुए वह सिर्फ इतना चाहते है कि इस पूरे मामले की सीबीआई जांच हो क्योंकि इसमें पुलिस की मिलीभगत से गैस कालाबाजारी करने वालों ने कितने उन निर्दोषों की जान ली होगी, जो गैस के अभाव में दम तोड़ चुके हैं।

उन्होंने कहा कि पुलिस ने यह अन्य के नाम से जो एफआईआर दर्ज की है, यह गलत है, पूरे समय वह स्वयं मौके पर मौजूद थे। पुलिस ने उनका नाम छोड़कर अन्य के खिलाफ एफआईआर दर्ज करके अपना मकसद बता दिया है कि इसमें पुलिस निर्दोषों को ही फंसाएगी।