New Delhi/Alive News: रमजान के पाक महीने के 29वें दिन चांद नहीं दिखाई दिया। मिली जानकारी के मुताबिक रविवार को शव्वाल का चांद नहीं दिखा है, इस हिसाब से सोमवार को 30वां रोजा होगा और पूरे देश में 3 मई को ईद मनाई जाएगी। लखनऊ के ईदगाह में ईद-उल-फितर की नमाज 3 मई की सुबह 10 बजे होगी। पिछले 2 सालों से ईद के त्योहार की रौनक कोरोना महामारी की वजह से गायब हो गई थी। इस साल कोरोना के मामले कम हैं और पाबंदियां भी पिछले 2 सालों की तुलना में कम हैं इस वजह से ईद की तैयारियां बाजारों में दिखाईं दे रहीं हैं।
कल 30वां रोजा होगा और 3 मई को ईद मनाई जाएगी। बाजारों में ईद के त्योहार से पहले खूब चहल-पहल है। वहीं ईद के त्योहार का जश्न मनाने की तैयारियों को लेकर लोग दिल्ली की जामा मस्जिद बाजार में खरीददारी करने पहुंच रहे हैं। पिछले दो सालों के दौरान कोरोना महामारी के चलते ईद-उल-फितर के मौकों पर भी बाजारों में सन्नाटा पसरा रहता था लेकिन इस बार ईद के मौके पर बाजारों में रौनक दिखाई दे रही है।
जानिए क्या है रमजान का महत्व
रमजान का महीना 29 दिन या 30 दिन का होता है। अगर ईद सोमवार को होगी तो भारत में रमजान का महीना 29 दिन का होगा और अगर ईद मंगलवार को होगी तो भारत में भी रमजान का महीना 30 दिनों का होगा। अरब देशों में इस बार रमजान का महीना 30 दिनों का होगा। इस्लाम धर्म में मान्यता है कि रमजान में रहमत के दरवाजे खुल जाते हैं।
इस महीने में की जाने वाली इबादतों का सवाब कई गुना बढ़ जाता है। रमजान के महीने को 10-10 दिन करके तीन हिस्सों में बांटते हैं और इसे अशरा कहते हैं। पहले अशरे में माना जाता है कि अल्लाह रहमत करते हैं। कहा जाता है कि दूसरे अशरे में गुनाहों की माफी होती है, जबकि तीसरा अशरा जहन्नम की आग से खुद को बचाने के लिए होता है।