Chandigarh/Alive News : हरियाणा विधानसभा में प्रदेश सरकार द्वारा पारित भूमि अर्जन, पुनर्वासन, पुनर्व्यवस्थापन में उचित प्रतिकर और पारदर्शिता अधिकार, हरियाणा संशोधन विधेयक 2021 को राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय ने मंजूरी दे दी है। प्रदेश सरकार ने 2013 में बने केंद्रीय भूमि अधिग्रहण कानून में इस विधेयक के जरिये अहम संशोधन किए हैं। विपक्षी दल कांग्रेस ने राज्यपाल से इस विधेयक को मंजूरी न देने का आग्रह किया था।
बावजूद इसके राज्यपाल ने विपक्ष की आपत्तियों को दरकिनार करते हुए संशोधन विधेयक को अपनी संस्तुति देने के साथ राष्ट्रपति के पास भेज दिया है। राष्ट्रपति की मंजूरी मिलते ही विधेयक हरियाणा में संशोधित कानून का रूप ले लेगा। इसके बाद सरकार इसे गजट अधिसूचना जारी कर प्रदेश में लागू करेगी।
हरियाणा विधानसभा में पारित भूमि अर्जन, पुनर्वासन, पुनर्व्यवस्थापन में उचित प्रतिकर और पारदर्शिता अधिकार, हरियाणा संशोधन विधेयक 2021 को लेकर अब राष्ट्रपति पर नजरें टीकी हुई हैं। इस विधेयक के पारित होने के बाद से लेकर अब तक कांग्रेस विरोध करती आ रही है। विधानसभा को पुनर्विचार के लिए भेजने की मांग राज्यपाल से की थी। कानून के लागू होने से हरियाणा में सरकारी, पीपीपी परियोजनाओं के लिए भूमि अधिग्रहण बेरोकटोक हो सकेगा। सरकार राष्ट्रीय सुरक्षा, रक्षा, रेल, मेट्रो, हाउसिंग, गरीबों को प्लॉट आवंटन, पुनर्वास, इंडस्ट्रियल कोरिडोर परियोजनाओं व प्राकृतिक आपदा से उत्पन्न स्थिति के लिए बेरोकटोक किसानों की जमीन का अधिग्रहण कर सकेगी।
अब इस विधेयक को लेकर राष्ट्रपति पर नजरें टिक गई हैं। संशोधन विधेयक के अनुसार जमीन अधिग्रहण के लिए किसानों की सहमति लेने का काम डीसी करेंगे। अधिग्रहण के बाद सरकार किसी भी समय जमीन पर कब्जा कर सकती है। 48 घंटे पूर्व नोटिस देने की बाध्यता नहीं होगी। पुरातत्व स्थलों व वन भूमि को अधिग्रहण के दौरान सुरक्षित एवं संरक्षित रखा जाएगा। सरकार जिन किसानों से 200 एकड़ से कम जमीन खरीदेगी उन्हें कुल कीमत के अलावा 50 फीसदी अतिरिक्त राशि का एकमुश्त भुगतान करेगी।