New Delhi/Alive News : मोदी सरकार की कैबिनेट मीटिंग में बुधवार को कैशलेस सिस्टम को लेकर एक बड़ा फैसला हुआ। कैबिनेट ने उस ऑर्डिनेंस पर मोहर लगा दी, जिसमें किसी भी इम्प्लॉई को सैलरी चेक या ई-पेमेंट के जरिए देने की बात कही गई है। सैलरी पेमेंट ऑफ वेज एक्ट 1936 में अमेंडमेंट की तैयारी…
– मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, कैश की कमी के बीच सरकार सैलरी पेमेंट ऑफ वेज एक्ट 1936 में अमेंडमेंट के लिए यह ऑर्डिनेंस लाई है।
– इनमें इंडस्ट्रिीज को इम्प्लॉइज को सैलरी चेक या इलेक्ट्रॉनिक मोड से देने का नियम होगा।
15 दिसंबर को लोकसभा पेश हो चुका बिल
– गवर्नमेंट सोर्स ने यह भी कहा, ‘इस संबंधित बिल 15 दिसंबर 2016 को लोकसभा में पेश हो चुका है।
– लेबर मिनिस्टर बंडारू दत्तात्रेय ने इस बिल को लोकसभा में पेश किया था।
– बिल में कहा गया है कि नई प्रोसेस से डिजिटल और कम कैश वाली इकोनॉमी का मकसद पूरा होगा।
2 महीने इंतजार नहीं करना चाहती सरकार
– यह बिल अगले साल बजट सेशन में पास हो सकता है। ऐसे में सरकार 2 महीने इंतजार करने के बजाय इस पर ऑर्डिनेंस लाई है। बाद में इसे पार्लियामेंट में पास कराया जाएगा।’
– बता दें कि अगर नए कानून को तुरंत लागू करना चाहे तो उसे ऑर्डिनेंस लाना होता है।
– यह ऑर्डिनेंस 6 महीने के लिए ही वैलीड होता है। इस दौरान सरकार को इसे पार्लियामेंट में पास कराना होता है।