Faridabad/Alive News : हरियाणा के जिला फरीदाबाद में दिव्यांगजनों की सहायता तथा उनके उत्थान के लिए दो परियोजनाओं की शुरूआत की जायेगी, जिनमें कम्पोजिट रिजनल सैन्टर तथा दिव्यांगजनों के यंत्रों व उपकरणों के निर्माण के लिए जिला के नवादा-तिगांव में एक इकाई स्थापित की जायेगी। यह घोषणा आज यहां हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने सैक्टर-12 स्थित खेल परिसर में केन्द्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय तथा दिव्यांगजन सशक्तिकरण विभाग के माध्यम से सामाजिक अधिकारिता शिविर एवं नि:शुल्क सहायक उपकरण वितरण समारोह में मुख्यातिथि के तौर पर उपस्थित लोगों को सम्बोधित करते हुए की।
उन्होंने कारपोरेट जगत, गैर सरकारी संस्थाओं और सामाजिक संस्थाओं का आह्वान किया कि वे दिव्यांगजनों के सहयोग के लिए आगे आयें ताकि वे समाज की मुख्य धारा में प्रवेश कर सम्मानजनक जीवन व्यतीत कर सकें। उन्होंने कहा कि ये सभी संस्थाएं देश में हो रहे परिवर्तन में भी बढ़चढ़ कर अपना सहयोग व योगदान दें। मुख्यमंत्री ने कहा कि पिछले वर्ष आयोजित किए गए कार्यक्रम में भी फरीदाबाद में लगभग 3000 दिव्यांगजन लाभार्थियों को यंत्र व उपकरण दिए गए थे और आज उससे आगे बढ़ कर लगभग 3500 दिव्यांगजनों को यंत्र व उपकरण दिए जा रहे हैं। इसके लिए वे भारतीय कृत्रिम अंग निर्माण निगम (एलिम्बको)और भारत विकास परिषद के पदाधिकारियों को बधाई देते हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि किसी के भी शरीर के अन्दर कमी आने की वजह से सामाजिक दृष्टि से उसमें हीनता का भाव न जागृत हो इसके लिए उसे सक्षम बनाने के लिए हमें कार्य करना चाहिए ताकि वह अपनी सक्षमता से किसी भी क्षेत्र में आगे बढ़ सके। उन्होंने कहा कि कोई दिव्यांगजन अपनी ऊर्जा और चेतना जागृत करके किसी क्षेत्र में आगे बढ़़ सकता है चाहे वह खेल का क्षेत्र ही क्यों न हो। उन्होंने कहा कि पैरालम्पिक में देश के चार खिलाडिय़ों ने पदक जीते, जिनमें से दो स्वर्ण, एक रजत तथा एक कांस्य पदक था। उन्होंने बताया कि हरियाणा की बेटी दीपा मलिक ने पैरालम्पिक में रजत पदक हासिल किया और हरियाणा सरकार ने उन्हें सम्मान स्वरूप चार करोड़ रूपए की राशि देकर पुरस्कृृत किया।
हरियाणा सरकार द्वारा बनाई गई नई खेल नीति का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि राज्य द्वारा तैयार की गई नई खेल नीति में ओलम्पिक विजेताओं को स्वर्ण पदक लाने पर छ: करोड़ रूपए, रजत पदक विजेता को चार करोड़ रूपए और कांस्य पदक विजेता को ढाई करोड़ रूपए की राशि देकर सम्मानित किया जाता है। मुख्यमंत्री ने कहा कि गत एक नवम्बर-2016 को दिव्यांगजनों की पैंशन 1600 रूपए की गई है जो देश में सर्वाधिक है। उन्होंने बताया कि अब 70 प्रतिशत की पात्रता को कम करके 60 प्रतिशत तक के दिव्यांगों को पैंशन देने के लिए पात्र माना गया है। उन्होंने बताया कि इससे नीचे की प्रतिशतता वाले दिव्यांगों को लाभ देने के लिए राज्य सरकार द्वारा योजनाएं बनाई जा रही हैं। उन्होंने कहा कि दिव्यांग बच्चों को दी जानेे वाली छात्रवृति को 700 रूपए से बढ़ाकर 1000 रूपए प्रतिमाह किया गया है।
उन्होंने बताया कि केन्द्र सरकार दिव्यांगजनों को शीघ्र ही युनिवर्सल पहचान-पत्र जारी करेगी और यह पहचान-पत्र हरियाणा राज्य में सर्वप्रथम जारी किए जायेंगे। उन्होंने बताया कि छ: लाख रूपए की राशि का उपकरण 450 मूक-बधिर बच्चों को बोलने और सुनने के लिए लगाया जा चुका है। सुगम्य योजना का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि पूरे देश में सरकारी व गैर सरकारी संस्थाओं के भवनों के अलावा अन्य भवनों को सुगम बनाने के लिए कार्य चल रहा है ताकि दिव्यांगजन इन भवनों में आसानी से आ-जा सकें। इसी कड़ी में देश के 50 शहरों में यह योजना प्रथम चरण में शुरू की गई है जिसके तहत फरीदाबाद और गुरूग्राम के 50-50 भवन चिन्हित किए गए हैं जिन्हें सुगम बनाया जायेगा।
इस अवसर पर हरियाणा के उद्योग मंत्री विपुल गोयल, मुख्य संसदीय सचिव सीमा त्रिखा, विधायक मूलचंद शर्मा, मुख्यमंत्री के राजनैतिक सचिव दीपक मंगला, भाजपा जिलाध्यक्ष एडवोकेट गोपाल शर्मा, पूर्व जिलाध्यक्ष अजय गौड़, जिला परिषद के चेयरमैन विनोद चौधरी, वरिष्ठ भाजपा नेता देवेन्द्र चौधरी, नीरा तोमर, डा0 कौशल बाठला, नरेन्द्र गुप्ता, अजय बैंसला, संजय कौशिक, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग के निदेशक संजीव वर्मा, जिला रैडक्रास सोसायटी फरीदाबाद के अध्यक्ष एवं उपायुक्त चन्द्रशेखर, जिला रैडक्रास सोसायटी पलवल के अध्यक्ष एवं उपायुक्त अशोक शर्मा, पुलिस आयुक्त डा0 हनीफ कुरैशी, अतिरिक्त उपायुक्त जितेन्द्र दहिया, नगराधीश सतबीर मान व बल्लबगढ़ के एसडीएम पार्थ गुप्ता सहित जिला फरीदाबाद एवं पलवल के विभिन्न वरिष्ठ एवं सम्बन्धित अधिकारी, समाजसेवी व गणमान्य लोग भी उपस्थित थे।