Faridabad/Alive News: इन दिनों समाज कल्याण विभाग के अधिकारियों को लापरवाही लोगों के लिए मुश्किलें खड़ी कर रही है। बुजुर्ग आए दिन स्वयं के जीवित होने का प्रमाण लेकर विभाग के कार्यालय पहुंच रहे हैं लेकिन अधिकारी इतनी आसानी से उन्हें जीवित मानने को तैयार नहीं है। आरोप है कि अधिकारी पात्र व्यक्तियों की पेंशन नहीं बना रहे हैं।
आजादी के अमृत महोत्सव के तहत जिले में पेंशन संबंधित समस्याओं के निवारण के लिए 19 से 30 सितंबर तक विशेष अभियान चलाया जा रहा है। इस अभियान की सूचना पाकर तिगांव निवासी 72 वर्षीय सतपाली देवी विभाग के कार्यालय पहुंची। उन्होंने बताया कि अप्रैल 2022 में विभाग द्वारा अपने पोर्टल पर मृत घोषित कर पेंशन रोक दी थी, अब दोबारा पेंशन बहाल करने के लिए दफ्तर के चक्कर काट रही है। अधिकारी हर बार एक नए दस्तावेज की मांग करते हुए उन्हें घर भेज देते हैं। मंगलवार को कैंप से भी उन्हें खाली लौटना पड़ा।
अधिकारी मांग रहे सबूत
सतपाली ने बताया कि गत 30 अगस्त को अधिकारियों की लापरवाही के सम्बन्ध में सीएम विंडो भी लगाई थी। जिस पर सीएम विंडो की तरफ से बुजुर्ग से बातचीत की गई और विभाग में जाकर ठीक कराने की बात कही गई। महिला का कहना है कि सीएम विंडो पर शिकायत और संज्ञान के बाद भी अधिकारी उन्हें जीवित मानने को तैयार नहीं है। विभाग में महिला ने सभी जरूरी कागजात जमा कर दिए है। वहीं, एक अन्य व्यक्ति ने बताया कि प्रमाणपत्र होने के बाद भी अधिकारी पेंशन नहीं बना रहे हैं।
क्या कहना है परेशान लोगों का
अप्रैल में ही अधिकारियों ने मृत घोषित कर दिया था लेकिन मैं जिंदा हूं, इसका प्रमाण लेकर दर दर भटक रही हूं। विभाग के अधिकारी बिल्कुल भी सुनवाई नहीं कर रहे हैं।
-सतपाली, पीड़ित महिला
पात्र होने के बाद भी अधिकारी पेंशन नहीं बना रहे हैं, एक तरफ सरकार घर घर जाकर पेंशन बनवाने की बात करती है, लेकिन पैंशन कार्यालय आने के बाद भी हमें पैंशन बनाने वाले बाबुओं से दुत्कार ही मिल रही है। बाहर घूम रहे बाबू पेंशन बनवाने के बदले पैसों की मांग करते हैं।
-महेंद्र शर्मा, बुजुर्ग