November 23, 2024

भ्रष्टाचार में चार्जशीट संस्कृत अध्यापक को खुद भ्रष्टाचार में संलिप्त चल रही जिला शिक्षा अधिकारी ने सौंपा जोईनिंग लेटर

Faridabad/Alive News : इन दिनों फरीदाबाद जिला शिक्षा अधिकारी मुनेश चौधरी भ्रष्टाचार को लेकर काफी चर्चे में बनी है और बीते दिनों कोर्ट के आदेश पर उनके खिलाफ विभिन्न धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज हुआ है। उसके बावजूद भी भ्रष्टाचार के मामले में चार्जशीट और निलंबित चल रहे संस्कृत के अध्यापक यतिंद्र शास्त्री को जिला शिक्षा अधिकारी ने लकड़पुर के वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय में जोइनिंग कराकर एक और पंगा ले लिया है। इसकों लेकर शिक्षा विभाग से लेकर पूरे हरियाणा भर में मामले ने तूल पकड़ लिया है।

जिला शिक्षा अधिकारी मुनेश चौधरी और अध्यापक यतिंद्र शास्त्री के खिलाफ स्कूल के भवन निर्माण और स्टेशनरी की राशि का दुरुपयोग का आरोप है। वहीं भ्रष्टाचार के मामले में निलंबित यतिंद्र शास्त्री की जोइनिंग शहर में चर्चा का विषय बनी हुई है, हालांकि जिला शिक्षा अधिकारी ने अपने पत्र में स्पष्ट लिखा है कि अध्यापकों की कमी के चलते यतिंद्र शास्त्री की जोइनिंग विधालय में कराई गयी है।

दरअसल, वर्ष 2008 से 2012-13 में सेहतपुर के स्कूल में 18 कमरों का भवन बनाया गया था। इसके अलावा शौचालय, दिव्यांग विद्यार्थियों के लिए अलग शौचालय और किचन बनाने थे। लेकिन यह तीनों कार्य सिर्फ कागजों में ही पूरे हुए हैं। उस समय यतिंद्र शास्त्री ही सेहतपुर विद्यालय के प्रिसिंपल के पद पर तैनात थे और उनके पास डीडी पावर भी थी। जिसके बाद यतिंद्र शास्त्री पर उक्त आरोप सिद्ध होने के बाद उनकों चार्जशीट किया गया था।इस मामले में यतिंद्र शास्त्री ने भवन निर्माण में घटिया निर्माण सामग्री का प्रयोग कर करीब 60 लाख रुपये का गबन किया था।

उक्त मामलों को लेकर ग्रामीण व्यक्ति भूपेंद्र सिंह ने सीएम विंडो लगाई थी। जिसमें उक्त भ्रष्टाचार का खुलासा हुआ और शिक्षा विभाग ने इस मामले में जांच की थी और मुख्यमंत्री ओएसडी भूपेश्वर दयाल ने जिला शिक्षा अधिकारी को यतेंद्र शास्त्री को निलंबित कर पैसे की रिकवरी करने के आदेश दिए थे। लेकिन वर्तमान जिला शिक्षा अधिकारी मुनेश ने उक्त आदेशों को न मानते हुए सरकारी स्कूलों में अध्यापकों की कमी बताते हुए यतेंद्र शास्त्री के जाईनिंग का पत्र (क्रमांक संख्या ई- 2) जारी कर दिया है।

क्या कहना है जिला शिक्षा अधिकारी का
यतेंद्र शास्त्री की अस्थायी बहाली की गई है। स्कूलों में तबादले से अध्यापकों की कमी है। अस्थायी बहाली होने से पुलिस जांच प्रभावित नही होगी। अध्यापक के घर बैठने से अच्छा है कि वह कम से कम बच्चों की पढ़ाई करा लेंगे।
-मुनेश चौधरी, जिला शिक्षा अधिकारी फरीदाबाद।