Faridabad/Alive News : एनएच-5, श्री बांके बिहारी मन्दिर में चल रही श्रीमद् भागवत कथा के छठे दिन श्रद्धालुओं का ताँता लगा रहा। श्रीमद् भागवत कथा के छठे दिन आचार्य संतोष जी महाराज ने बताया कि जब राज सत्ता, शरीर सत्ता और धर्म सत्ता तीनो किसी के आधीन हो जाते है या चाटुकार बन जाते है तब यह समझ लेना चाहिए कि राज, धर्म और तन तीनो बीमार हो चुके है।
रामचरितमानस में स्वामी तुलसीदास जी ने रावण के लिए यह पंक्तियाँ कही थी लेकिन आज सतयुग, वेद, गुरु तीनो जब प्रिये बोलते है और उम्मीद रखते है तब उस समय राज, धर्म और तन तीनो की गति का नाश हो जाता है।
आजकल ऐसे ही धर्म गुरुओ ने आसरे के कारण गलत को गलत बोलना बंद कर दिया है इससे राष्ट्र का निर्माण नहीं विनाश हो रहा है।
आचार्य संतोष जी महाराज ने सभी भागवत कथा प्रेमियों से अपील करते हुए कहा कि श्रीमद् भागवत कथा के अंतिम दिन मन्दिर पंडाल आकर कथा का अवश्य श्रवण करें। श्रीमद् भागवत कथा का जो व्यक्ति श्रवण करता है, उसकी इच्छा की पूर्ति उसी के अनुसार होती है।