New Delhi/Alive News: सीडीएस जनरल बिपिन रावत, ब्रिगेडियर एलएस लिद्दड़ समेत 12 फौजियों और जनरल रावत की पत्नी मधुलिका के पार्थिव अवशेष जब राजधानी के पालम हवाई अड्डे पर पहुंचे तो हर आंख में आंसू थे। जनरल रावत की दोनों बेटियां ताबूत में रखे पिता के अवशेषों को एकटक निहारती रहीं। माहौल तब बेहद गमगीन हो गया, जब इसी हादसे में शहीद ब्रिगेडियर एलएस लिद्दड़ की बेटी आश्ना पिता के ताबूत के पास पहुंचीं। वे कुछ पल देखती रहीं और फिर झुककर पिता के ताबूत को चूम लिया।
आपको बता दे कि आश्ना 12वीं की छात्रा हैं। यह देखकर वहां मौजूद हर व्यक्ति का दिल भर आया। देरशाम 7.45 बजे जनरल रावत समेत सभी शहीदों के शव पालम पहुंचे। 9 बजे पीएम नरेंद्र मोदी एयरपोर्ट पहुंचे और जनरल रावत समेत सभी शहीदों को श्रद्धांजलि दी। शहीदों के ताबूत देख पीएम ने हाथ जोड़े, सिर झुकाया और अपनी आंखें बंद कर लीं। इसके बाद मोदी शहीदों के परिजनों से एक-एक कर मिले और उन्हें ढांढस बंधाया।
इससे पहले रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल ने सभी शहीदों के परिजनों से मिलकर बातचीत की। राजनाथ परिजनों को सांत्वना देते रहे। अंतिम दर्शन के लिए तीनों सेनाओं के प्रमुख पहुंचे। थल सेना प्रमुख जनरल एमएम नरवणे, नौसेना प्रमुख एडमिरल आर हरि कुमार और वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल वीआर चौधरी ने भी श्रद्धांजलि अर्पित की।
कुन्नूर हेलिकॉप्टर दुर्घटना में जीवित बचे वायुसेना के ग्रुप कैप्टन वरुण सिंह को बेहतर चिकित्सा के लिए बेंगलुरु ले जाया गया है। उनकी स्थिति अब भी गंभीर लेकिन स्थिर बताई जा रही है। इस बीच उनके पिता रिटायर्ड कर्नल केपी सिंह बृहस्पतिवार को बेटे के पास वेलिंग्टन पहुंच गए थे।
कर्नल सिंह ने भोपाल की मीडिया को बताया, मैं वेलिंगटन पहुंच गया हूं, उसे बेंगलुरु ले जाया जा रहा है। उसकी हालत के बारे में अभी कुछ नहीं कहा जा सकता। कर्नल सिंह भोपाल में ही सन सिटी में रहते हैं और हेलिकॉप्टर दुर्घटना के समय अपने छोटे बेटे तनुज के पास मुंबई में थे। तनुज नौसेना में लेफ्टिनेंट कमांडर हैं।